लखनऊ: महंत ज्ञानदास ने कहा है कि बाबरी मस्जिद के पक्षधर हाजी महबूब यदि रामलला से मुकदमा हटाकर निर्मोही अखाड़ा के पक्ष में बयान दे दें तो वह अड़गड़ा की शाही मस्जिद मुस्लिमों को तोहफे में दे देंगे। उनका यह बयान शाही मस्जिद की मरम्मत को लेकर शुरू हुए विवाद को लेकर आया है। तकरीबन सप्ताहभर पहले अयोध्या के निर्मोही अखाड़े के महंत ज्ञानदास ने मरम्मत कराने को लेकर बयान दिया था। महबूब, रामजन्म भूमि से राम लला की मूर्ति हटाने का मुकदमा लड़ने के मामले में मुख्य मुद्दई के पुत्र है। उन्होंने महंत ज्ञानदास द्वारा शाही मस्जिद और उनकी मरम्मत कराए जाने को लेकर कई सवाल खड़े किए थे। इनका आरोप है कि महंत सस्ती लोकप्रियता हासिल करने को मस्जिद की मरम्मत की बात कर रहे हैं। यदि इतने ही मुस्लिम हितैषी हैं तो शाही मस्जिद और उससे जुड़ा भूखंड मुस्लिम कौम को गिफ्ट कर दें। उनके इस बयान के बाद अयोध्या के मुसलमान बंट गए हैं।
बाबरी मस्जिद के मामले में मुख्य मुद्दई मोहम्मद हाशिम अंसारी के पुत्र इक़बाल अंसारी और उनसे संबंधित अन्य लोग महंत ज्ञानदास के पक्ष में आ गए हैं। उनकी सोमवार की हाशिम अंसारी के माकन पर एक मीटिंग भी हुई जिसमें मुस्लिम वैलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष सादिक अली, हाशिम अंसारी के पुत्र इक़बाल, शोएब खान, निहाल कुरैशी सहित कई मौलाना और मुफ़्ती शरीक हुए। सभी ने एक सुर में हाजी महबूब के बयान की आलोचना की। इसे हिन्दू-मुस्लिम एकता तोड़ने वाला बताया। साथ में यह भी जानकारी दी कि शाही मस्जिद की मरम्मत का कार्य मुसलमानों के पैसे से हो रहा है। महंत तो केवक पीछे से सपोर्ट कर रहे हैं। इसके इतर महंत ज्ञानदास हाजी महबूब के बयान से बेहद खफा हैं। उन्होंने कहा है कि यादि वह रामलला से मुकदमा हटा कर निर्मोही अखाड़ा के पक्ष में बयान दे दें तो वह हनुमानगढ़ी सागरीय पट्टी की पंचायत व्यवस्था की स्वामित्व वाली मस्जिद, जमीन मुस्लिम समाज को गिफ्ट कर दी जसएगी। उन्होंने मरम्मत को लेकर महबूब के सवाल उठाने पर कहा कि हनुमानगढ़ी सागरीयपट्टी के संतों ने मुस्लिम संत शाह इब्राहीन शाह की याद में शाह भवन का निर्माण कराया है। तब तो किसी ने आपत्ति नहीं की थी। मोहम्मद इक़बाल अंसारी का कहना है कि शाही मस्जिद का नाम शाह आलम सन्नी शाह मस्जिद है। इसका निर्माण सन्नी शाह ने करवाया था।