नई दिल्ली, १० नवंबर (एजेंसी) सीनीयर क़ानूनदां और बी जे पी के रुकन पार्लीमेंट राम जेठमलानी ने आज कहा कि लार्ड ( भगवान) राम के बारे में किए गए तब्सिरों पर उन्हें कोई अफ़सोस नहीं है। सी एन एन । आई बी एन पर करण थापर के डेविल्स ऐडवोकेट प्रोग्राम में हिस्सा लेते हुए मिस्टर जेठमलानी ने कहा कि राम के बारे में मुझे अपने तब्सिरों पर कोई अफ़सोस नहीं है और ऐसा तब्सिरा करते हुए मैंने कोई ग़लती नहीं है।
राम जेठमलानी ने जुमेरात को कहा था कि देवमालाई कहानी रामायण ने राम के रूप में जिन्हें दिखाया गया है वो एक बुरे शौहर थे। उन के पूछे जाने पर कि आया उन्होंने बी जे पी को परेशान-ओ-पशेमां करने के लिए ये तब्सिरा तो नहीं किया है। मिस्टर जेठमलानी ने जवाब दिया कि बी जे पी को परेशान करना मेरा इरादा नहीं है।
मैं तो इस पार्टी को मुस्तहकम ( मजबूत) बनाना चाहता हूँ। उन्होंने ये भी कहा कि वो अपने तब्सिरा पर माज़रत ख़्वाही ( मांफी) नहीं करेंगे। मिस्टर जेठमलानी ने कहा कि किसी से माज़रत ख़्वाही करना मेरी कोई ज़िम्मेदारी नहीं है। सहाफ़त अब तंज़-ओ-मज़ाह के एहसास से महरूम हो चुकी है।
मिस्टर जेठमलानी ने कहा कि लार्ड राम से मुताल्लिक़ किए गए अपने तब्सिरा में मज़ीद रिमार्क का इज़ाफ़ा करते हुए कहा कि उन्हें इस बात पर कई शुबहात हैं कि आया राम कोई तारीख़ी हस्ती भी हैं। में समझता हूँ कि ये देवमालाई वाक़ियात का एक हिस्सा है। एक सवाल पर मिस्टर जेठमलानी ने जवाब दिया कि राम एक बुरे शौहर थे क्योंकि उन्होंने अपनी बीवी सीता को किसी वाज़िह वजह के बगै़र जिलावतन कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि राम एक बुरे शौहर थे और मैं उन्हें क़तई पसंद नहीं करता। महिज़ किसी मछेरे ( मछुआरे) ने कुछ बात कह दी थी कि उन्होंने(राम) अपनी बीवी सीता को वनवास (जिलावतनी) पर भेज दिया था। मिस्टर जेठमलानी ने ये भी कहा था कि लक्ष्मण तो उन से भी बदतर थे। जब सीता का अग़वा कर लिया गया था राम ने उन से कहा था कि जाओ उन्हें तलाश करो क्योंकि इन्ही की निगरानी के दौरान सीता का अग़वा किया गया था जिस पर लक्ष्मण ने बड़ी सादगी से कहा था कि वो अपनी भावज को नहीं पहचान सकेंगे क्योंकि उन्होंने कभी इन का चेहरा ही नहीं देखा था।
राम जेठमलानी के इन रिमार्कस पर अगरचे कई सामईन हैरतज़दा रह गए थे लेकिन तमाम के तमाम अपने क़हक़हों पर क़ाबू नहीं पा सके थे। बी जे पी के सदर नितिन गडकरी के इस्तीफ़ा के लिए उन के मुतालिबा से मुताल्लिक़ एक सवाल पर जेठमलानी ने जवाब दिया कि अब ये मसला गडकरी और पार्टी के दरमयान है, लेकिन इस मसला से बी जे पी के साथ मेरे ताल्लुक़ात मुतास्सिर ( प्रभावित) नहीं होंगे।
बाअज़ क़ाइदीन(लीडर)समझते हैं कि मैं बी जे पी से चला जाऊं। उन्होंने कहा कि हर एक बी जे पी क़ाइद को गुरु मूर्ती की जानिब से सदर बी जे पी गडकरी को बेक़सूर क़रार देने पर, उन की बात पर यक़ीन नहीं आया। ताहम (यद्वपि) वो ये नहीं कह सकते कि कितने क़ाइदीन ने गुरु मूर्ती की बात पर यक़ीन किया है। उन्होंने ये भी कहा कि उनके ख़्याल में गुरु मूर्ती को गडकरी को बेक़सूर क़रार देने के लिए आर एस एस ने हिदायत नहीं दी थी।
कानपूर से मौसूला(मिली) इत्तिला के बमूजब ( मुताबिक) हक़ इत्तेलात के कारकुन संदीप शुक्ला ने मेट्रोपोलीटिन मजिस्ट्रेट कानपूर के इजलास पर राम जेठमलानी के ख़िलाफ़ राम के बारे में उन के मुतनाज़ा (विवादित) तब्सिरा की बिना पर दरख़ास्त पेश की है, जिस में कहा गया है कि जेठमलानी के बयान से हिंदू मत के पीरों के जज़बात मजरूह हुए हैं।
अदालत ने मुक़द्दमा की समाअत 24 नवंबर मुक़र्रर की है।