अयोध्या में राम मंदिर की तामीर के लिए पत्थरों का खेप पहुंचने के बीच वीएचपी ने एक बार फिर साफ किया है कि मंदिर की तामीर पार्लियामेंट की तरफ से कानून बनाए जाने के बाद ही होगा। वीएचपी ने राम जन्मभूमि न्यास के सदर महंत नृत्यगोपाल दास के बयान से किनारा किया।
हालांकि, इसके साथ ही यह कहते हुए उनका बचाव भी किया कि वह बहुत ही जिम्मेदार संत हैं। इस तरह का बयान नहीं दे सकते।
मंदिर तामीर की तेज होती कवायदों पर वीएचपी के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में पत्थर पहुंचना कोई नई बात नहीं है। वहां 1990 से सैंकड़ों ट्रक पत्थर आ चुके हैं। पत्थरों को कहीं छुपाकर नहीं रखा जाता, बल्कि नक्काशी करके रामघाट वर्कशाप में ही रखा जाता है। रोज बड़े पैमाने पर वहां लोग दीदार के लिए आते हैं। आज तक किसी तरह की परेशानीकभी खड़ी नही हुई।
महंत नृत्यगोपाल दास के बयान के बारे में पूछे जाने पर चंपत राय ने कहा, ‘महंत अयोध्या के बहुत जिम्मेदार, कानून का एहतेराम करने वाले संत हैं। मुझे यकीन है कि वह इस तरह का बयान नहीं दे सकते। जहां तक पत्थरों की पूजा किए जाने की बात है तो जिन पत्थरों की पूजा होने की बात की जा रही है वह पत्थर वहां पहले से थे।
राजस्थान से आए पत्थरों को तो पीर के रोज़ अयोध्या उतारा गया है और खबर पहले शाय हो गई कि राजस्थान से पहुंचे पत्थरों की पूजा हो गई। यह कैसे मुम्किन है कि पत्थर बाद में पहुंचे और पूजा पहले हो जाए। राय ने कहा कि इसके पीछे खुरापाती सोच है।’
राम मंदिर की तामीर पर चंपत राय ने कहा, ‘शुरू से संतों का साफ साफ कहना है कि पार्लियामेंट ही कानून बनाकर मंदिर की तामीर का रास्ता बनाये । संत, विश्व हिंदू परिषद और हिन्दू समाज ने हमेशा अद्लिया आनी अदालत का एहतेराम किया है और उस पर पूरा यकीन और भरोसा रखता है।’