राम मंदिर की तामीर के लिये मोदी को मिली मार्च तक ‘डेडलाइन’

अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के मुतनाज़ा मामले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी अब ‘अपनों’ के ही निशाने पर आ खड़े हुए हैं। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने पीएम को आयोध्या में राममंदिर की तामीर पर फैसले के लिए इस साल मई माह तक की ‘डेडलाइन’ दे डाली है।

तंज़ीम ने साफ कह दिया है कि अगर मई तक यह मामला नहीं सुलझा, तो अयोध्या में रामलला के मंदिर की तामीर को लेकर पूरे मुल्क में बड़ा तहरीक की जाएगी।

इसके साथ ही हिंदू तंज़ीम ने कहा है कि सभी संत मई 2015 में पीएम के साथ मिलकर एक बैठक करेंगे और मांग करेंगे कि मुज़कूरा मुकाम पर ही राम मंदिर की तामीर करने को लेकर वे संसद में कानून पास करें। वीएचपी के अयोध्या मामले के तरजुमान शरद शर्मा ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत मेें कहा है कि वीएचपी इस मुद्दे को गैर अहम नहीं मानता। हम 70 एकड़ की पूरी जमीन चाहते हैं, जिसे मुस्लिम फिर्के की तरफ से मुकदमा दायर कर मुतनाज़ा बना दिया गया है।

शर्मा ने आगे कहा कि भाजपा ने क़ौमी तरक्की के एजेंडे की वजह से मोदी सत्ता में आए। हम शुरुआत में सरकार को परेशान नहीं करना चाहते थे। यह वीएचपी लीडरों और खास संतों की बैठक में ही तय किया गया था कि मुल्क को तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिए मरकज़ को एक साल का वक्त दिया जाए, क्योंकि इलेक्शन में उन्होंने जनता से यह वादा किया था।

वीएचपी लीडर ने इल्ज़ाम लगाया कि ‘कुछ लोग जो कोई किरदार नहीं रखते, वह इस इस मामले में दिलचश्पी दिखा रहे हैं। हम बाबरी मस्जिद की ओर से सबसे पुराने मुद्दई हाशिम अंसारी की जल्दबाज़ी को समझते हैं।

वह हताशा बाहर लाने के लिए तुच्छ मुद्दों को उठाते रहते हैं। अब वह अखाड़ा परिषद् के चीफ महंत ज्ञानदास की मदद लेकर समझौते की एक अनोखी मुहिम बना रहे हैं।

अकसर समाजवादी पार्टी के चीफ मुलायम सिंह यादव और उनके नुमाइंदे हाशिम अंसारी से मिलते रहते हैं, लेकिन हम उनकी चालबाजियों की परवाह नहीं करते।’