क़ाइद की हैसियत से नहीं बल्कि ख़ादिम की हैसियत से अवाम के दरमयान रहते हुए ख़िदमत करने के अज़म का इज़हार करते हुए सदर मजलिस बचाव तहरीक क़ायम ख़ान उम्मीदवार मजलिस बचाव तहरीक हलक़ा असेंबली चंदरायनगुट्टा ने चुनाव मुहिम के इख़तेताम पर दो मर्कज़ी जलसों को हाफ़िज़बाबानगर ( मेराज होटल ) और रियासतनगर बाज़ार में मुख़ातब किया।
उन्होंने कहा कि बहैसीयत डाक्टर जिस तरह अमराज़ का ईलाज करते हैं इसी तरह अवामी मसाइल का ईलाज यानी मसाइल के हल के लिए जद्द-ओ-जहद करते हुए अवाम के दुख दर्द को अपनी तकलीफ़ समझेंगे और उनके मसाइल की आजलाना यकसूई के लिए कोई कसर बाक़ी नहीं रखी जाएगी।
उन्होंने अवाम से अपील की के वो पोलिंग के वक़्त एक दिन मेहनत करें इस के बाद 5 सालों तक में आप के मसाइल को हल करवाने के लिए मेहनत करूंगा। क़ायम ख़ान ने अवाम बिलख़सूस पुराने शहर की अवाम से कहा कि वो मुख़ालिफ़ीन तहरीक की साज़िशों का शिकार ना हूँ मुख़ालिफ़ीन के ये डर हैंके हमेशा नित नए हथकंडों के ज़रीये मुसलमानों को गुमराह किया जाता रहा है।
उनके नापाक अज़ाइम का ख़ातमा अनक़रीब होगा। क़ायम ख़ान ने क़ौम-ओ-मिल्लत के ज़िम्मेदारों उल्मा किराम मशाइख़ीन को ग़ौर वफ़कर की दावत दी और कहा कि ख़ुदारा क़ौम को उन ज़ालिमों के ज़ुलम से नजात दिलाने के लिए सामने आएं।
चुनाव में मासूम-ओ-ग़रीब मुसलमानों की मईशत का मज़ाक़ उड़ाया जाता है और चंद रूपियों की ख़ातिर हम अपने ऊपर ज़ालिम और नाअहल अफ़राद को मुसल्लत करलेते हैं। वक़्त और हालात के पेशे नज़र हम अपनी ज़िम्मेदारीयों को समझें और हक़ का साथ देते हुए मजलिस बचाव तहरीक के इमतियाज़ी निशान टी वी पर बटन दबाक़र अपने क़ीमती वोट का इस्तेमाल करें और अपने सियासी शऊर का मुज़ाहरा करें।