* गवर्नर राष्ट्रपती को जवाबदेह किसी पार्टी के प्रमुख को नहीं सोनिया गांधी से मुलाक़ात माहिरीन क़ानून-ओ-दस्तूर की राय
हैदराबाद।( सियासत न्यूज़) राष्ट्रपती चुनाव और आंधरा प्रदेश के राजनितीक हालात पर नई दिल्ली में जारी सरगर्मीयों में रियास्ती गवर्नर मिस्टर ई एस एल नरसिम्हन का रोल माहिरीन क़ानून और दस्तूर के दरमयान बेहस का सबब बन चुका है । कांग्रेस हाई कमान ने उपचुनाव में कांग्रेस की बदतरीन नाकामी की वजहों का पता चलाने के लिए गवर्नर ई एस एल नरसिम्हन को नई दिल्ली बुलाया और उन्हों ने सदर कांग्रेस सोनीया गांधी से मुलाक़ात की और उन्हें रियासत के हालात पर तफ़सीली रिपोर्ट पेश की ।
गवर्नर नरसिम्हन बुनियादी तौर पर पुर्व पुलिस अधीकारी हैं और वो इंटलीजंस डिपार्टमेंट से ताल्लुक़ रख चुके हैं । इस एतबार से कांग्रेस हाईकमान उन की रिपोर्ट पर कुच्छ ज़्यादा ही भरोसा किए हुए है ।तेलंगाना में अलग तेलंगाना तहरीक की शिद्दत के मौके पर भी कांग्रेस हाईकमान ने कई मर्तबा उन्हें नई दिल्ली बुलाते हुए हालात के बारे में मालूमात हासिल की थीं। अब जबकि नरसिम्हन की कि मुद्दत बढा दि गई है लिहाज़ा कांग्रेस हाईकमान उन्हें दस्तूरी ओहदे से ज़्यादा सियासी सरगर्मीयों में इस्तिमाल करने की कोशिश कर रही है ।
माहिरीन की राय है कि गवर्नर का ओहदा एक दस्तूरी ओहदा है और गवर्नर किसी सियासी पार्टी के सदर को जवाबदेह नहीं बल्कि किसी भी सूरत-ए-हाल के सिलसिले में राष्ट्रपती को रिपोर्ट पेश कर सकते हैं । लेकिन यहां कांग्रेस हाई कमान ने उन्हें और कुछ दिन तक नई दिल्ली में क़ियाम का मश्वरा दिया है और गवर्नर ने सोनीया गांधी के इलावा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह प्रणब मुखर्जी पी चिदम़्बरम और ए के एन्टोनी से भी मुलाक़ातें की और रियासत की ताज़ा तरीन सूरत-ए-हाल पर तबादला-ए-ख़्याल किया गया ।
क़ानून बनाने वाली कौंसल के सदस्य और दस्तूर के माहिर डाक्टर नागेश्वर राउ ने कहा कि गवर्नर कोई सियासी फ़र्द नहीं होता बल्कि वो दस्तूरी अथॉरीटी की हैसियत से रियासत में दस्तूरी फ़राइज़ पुरा करने का ज़िम्मेदार होता है । सोनीया गांधी से गवर्नर की मुलाक़ात की हरगिज़ ताईद नहीं की जा सकती ।
इस मसले पर कई और माहिरीन ने भी इसी तरह की राय ज़ाहिर की है । लेकिन कांग्रेस पार्टी इस मसले पर किसी भी किसम कि बात करने के लिए तैयार नही है । राष्ट्रपती के चुनाव से पहले या फिर चुनाव के तुरंत बाद रियासत में बड़े पैमाने पर तबदीलीयों की खबरों कि वजह से आंधरा प्रदेश की सयासी सरगर्मीयां नई दिल्ली मुंतक़िल होचुकी है और चीफ़ मिनिस्टर सदर प्रदेश कांग्रेस
राजय मंत्री एमपी और अन्य लिडर 10 जनपथ के चक्कर काट रहे हैं ।
सदर कांग्रेस सोनीया गांधी से मुलाक़ात करने वालों का तांता बंधा हुआ है ।मोतबर सुत्रो ने बताया कि मर्कज़ी हुकूमत गवर्नर से जगन मोहन रेड्डी के मौक़िफ़ और कांग्रेस से मुकर जाने की सूरत में सदर राज लागु करने जैसी सूरत-ए-हाल का जायज़ा ले रही है । अगर कोई ना मुकर जाये तो रियास्ती केबीनेट में बड़े पैमाने पर तबदीलीयां हो सकती है यहां तक कि चीफ़ मिनिस्टर की तबदीली पर भी ग़ौर किया जा सकता है ।
लिहाज़ा तीनों इलाक़ों के लिडर इन तबदीलीयों में अपनी कुर्सी महफ़ूज़ करने के लिए दिल्ली में क़ियाम किए हुए हैं । कांग्रेस के तेलंगाना लिडर अगरचे ये असर देने की कोशिश कर रहे हैं कि राष्ट्रपती पद के चुनाव के बाद केन्द्र तेलंगाना मसले पर सहिह फ़ैसला करेगा लेकिन हाई कमान की तरफ से इस सिलसिले में कोई वाज़िह यकिन नहीं दिया गया ।
बताया जाता है कि तेलंगाना लिडर ने ई एस एल नरसिम्हन से मुलाक़ात करते हुए तेलंगाना राजय बनाने में सहायता की अपील की जिस पर नरसिम्हन ने सिर्फ इतना कहा कि उन्हें रियासत के पिछ्डे इलाक़ों के पिछ्डेपन को दूर करने की फ़िक्र है । नरसिम्हन ने कांग्रेस हाई कमान को मश्वरा दिया कि वो 2014 के चुनाव से पहले ज़िला वारी सतह पर पार्टी को मज़बूत करने के लिए सख़्त इक़दामात करे वर्ना 2014में नतिजें मायूसकुन रहेंगे ।
सुत्रो के मुताबिक़ सोनीया गांधी रोज़ाना मुख़्तलिफ़ लिडरों से मुलाक़ात का मौक़ा तो दे रही हैं लेकिन वो हर किसी के ख़्यालात की सिर्फ सुनवाई कर रही है और अपनी राय ज़ाहिर नही कर रही है । रियासत के एमपीयों की सरगर्मीयां इस बात पर टीकी हुइ है कि राष्ट्रपती चुनाव के बाद केन्द्रीय मंत्रालय में होने वाले बढावे में अपने लिए जगह हासिल की जा सके ।