राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी में होगा बदलाव, श्रमिकों का दोगुना वेतन होने की संभावना

नई दिल्ली : प्रस्तावित फार्मूले के अनुसार श्रमिकों का वेतन 18 हजार रुपए प्रति माह से अधिक हो जाने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार जल्दी ही राज्यों को भी न्यूनतम मजदूरी के निर्धारण में बदलाव करने के लिए बोर्ड का गठन करने को कह सकती है। इससे देश भर में एक समान वेतन का निर्धारण करने में मदद मिलेगी।

केंद्र सरकार देश में न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण करने के मौजूदा फार्मूले में बदलाव करने पर विचार कर रही है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर श्रमिकों का दोगुना वेतन होने की संभावना है। प्रस्तावित फार्मूले के अनुसार इसमें माता-पिता को 2 इकाई और 2 बच्चों को 2 अलग-अलग इकाइयों के तौर पर शामिल किया जा सकता है। इस तरह से न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण 6 इकाइयों के आधार पर किया जाएगा। फिलहाल न्यूनतम मजदूरी का फार्मूला 3 इकाई श्रमिक, पत्नी और 2 बच्चों पर आधारित है।

हाल में पुनर्गठित किए केंद्रीय न्यूनतम मजदूरी परामर्श बोर्ड की बैठक में की गई इस सिफारिश पर एक समिति का गठन किया जा रहा है जो इससे संबंधित सभी पक्षों पर विचार करेगी। बोर्ड की बैठक लगभग 7 वर्ष के अंतराल पर आयोजित की गई थी। बोर्ड की पिछली बैठक 2010 में आयोजित की गई थी। भारतीय मजदूर संघ समेत कई श्रमिक संगठनों ने न्यूनतम मजदूरी के निर्धारण फार्मूले में बदलाव करने की मांग करते हुए कहा है कि 1948 का अधिनियम आधुनिक समय के जीवन की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है और इसमें परिवर्तन की आवश्यकता है।