राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) समस्या का हल करने में असमर्थ: लोक गठबंधन पार्टी

नई दिल्ली: लोक गठबंधन  पार्टी (एलजीपी) ने आज दोहराया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) जिस को “मोदी  केयर” के रूप में पेश किया जा रहा है,देश के विशालग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सम्बन्धी  बुनियादी आधारभूत संरचना और सेवा समस्याओं को संबोधित नहीं करता है।

पार्टी ने कहा कि देश की ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली वास्तव में बेहद खराब हालत  मेंहै जिसके लिए 2018 के बजट में सुधार लाने  के लिए कुछ भीनहीं किया गया है।

पार्टी के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि इस योजना से सम्बन्धी कई विवाद  पहले से ही एनडीए सरकार और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए) के बीच पैदा हो चुक है  पैकेज, दरों, धनआवंटन और बीमा मॉडल को लेकर  है।

प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य  अच्छी  स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लालसा करने वाले लाखों गरीब लोगों को लाभ पहुँचाने  से ज्यादा निजी खिलाड़ियों कks व्यावसायिक लाभप्रदता बढ़ाना मात्र है।

प्रवक्ता ने कहा कि बजट में इस योजना के लॉन्च से ही, लोक गठबंधन  पार्टी ने लगातार जनता को आगाह कर रखा है कि इस योजना का उद्देश्य सिर्फ  बीमा कंपनियों की मदद करना था।

प्रवक्ता ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी }kरा शुरू कि गई  योजना पूर्णतः  दिशाहीन है।

प्रवक्ता ने कहा कि  बीमा क्षेत्र  मोदी  केयर योजना के बारे में उत्साहित हो सकता है लेकिन यह उन ग्रामीण इलाकों में बीमार लोगों को सांत्वना प्रदान नहीं करेगा जहां स्वास्थ्य सेवाएं लगभग चरमरा गई हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि, ग्रामीण क्षेत्रों मेंप्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रसामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जो गरीब लोगों को स्वास्थ सेवा देने  के लिए बुनियादी सुविधाएं हैं, पूर्णतः निष्प्रभावी हैं  जिससे लोगोंको छोटh बीमारियों के इलाज के लिए Hkh शहरी क्षेत्रों में tkus ds fy, मजबूर होना पड़ता है।

प्रवक्ता ने कहा कि एनएचपीएस निजी अस्पतालों और बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचा सकता है लेकिनयह गरीब लोगों के लिए  स्वास्थ्य सविधाएँ पहुँचाने  के लिए विकल्प नहीं हो सकता है।

प्रवक्ता ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में दवाइयों, डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं की पूरी कमी है जिसके लिए केंद्रीय बजट में पर्याप्त प्रावधान नहीं किया गया ।

यहबताते हुए कि एनएचपीएस लागू करके  गांवों में गरीब लोगों के  दुःखों को खत्म नहीं किया जा सकेगा , प्रवक्ता ने कहा कि यह भी स्पष्ट नहीं है कि सरकार ऐसी योजना को कैसे वित्त iksषित करेगी,जिस को  10 करोड़ परिवारों तक पहुंचने के लिए कम से कम 50,000 करोड़ रुपये खर्च dju होंगे।

प्रवक्ता ने कहा कि  एनडीए सरकार की ,d योजना तीन संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के क्षेत्र में एकमेडिकल कॉलेज स्थापना  है , लेकिन इससे भी कोई सुधार होने कि सम्भावना नहीं है  क्योंकिप्रत्येक जिले और उनके ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं में अत्यधिकसुधार की आवश्यकता है, न कि बड़ी संख्या में कॉलेजों पर अiव्यय।

प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए सरकार की स्वास्थ्य देखभाल योजना दिशाहीन और जनता को गुमराह करने वाली है।