रास्ते अलग अलग हैं लेकिन मंजिल एक: अन्ना हजारे

नई दिल्ली, 30 मार्च: अन्ना हजारे बेशक खुद को सियासत से दूर रखें या फिर अपने साबिक साथी की सयासी पार्टी से बराबर की दूरी बनाएं हों लेकिन अरविंद केजरीवाल ने उन्हें अपने उपवास के मंच पर बुला ही लिया।

जुमे की रात करीब 10:30 बजे अन्ना हजारे सुंदर नगरी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अरविंद से उपवास तोड़ने की अपील भी की। अन्ना ने हुकूमत पर निशाना साधते हुए कहा कि हुकूमत तो चाहती है कि हम अनशन करें और मर जाएं। ताकि उनका रास्ता साफ हो।

लेकिन हमें मरना नहीं है, हमें लोगों को जगाना है। उन्होंने अरविंद को सलाह दी कि जब तक जिस्म सहन कर सके अनशन करें नहीं तो तोड़ दें। तंदरुस्त होकर फिर से आवाम को एक जुट करें।

केजरीवाल के साथ अपने ताल्लुकात के बारे में अन्ना ने कहा कि बेशक हमारे रास्ते अलग हैं, लेकिन मंजिल एक ही है। हम दोनों समाज की भलाई के लिए लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जहां जहां हमें एक दूसरे की जरूरत पड़ेगी मिलकर लड़ेंगे, तभी आजादी मिलेगी। मुल्क में सही जम्हूरियत लाने के लिए संसद के अंदर और बाहर लड़ाई लड़ी जानी है।

उन्होंने कहा कि 31 मार्च से जालियांवाला बाग से जनतंत्र यात्रा शुरू होगी। अगले डेढ़ साल तक देश के कोने कोने में भ्रमण करूंगा।

उन्होंने माना कि इससे सारा मुल्क नहीं जगेगा। लेकिन इस दौरान करीब छह करोड़ लोगों को मुत्तहद किया जाएगा।

गौरतलब है कि राजनीतिक पार्टी के ऐलान के बाद से अन्ना ने अरविंद केजरीवाल ने दूरी बना ली थी। लेकिन उपवास/ अंशन पर बैठने के पहले केजरीवाल ने अन्ना से मुलाकात की थी।

उसके बाद टीम केजरीवाल की तरफ से बताया गया कि अन्ना आंदोलन में शरीक होंगे। दूसरी तरफ एक हफ्ते पहले अन्ना ने दिल्ली में मीडिया को बताया था कि 31 मार्च से पंजाब के अमृतसर से जनतंत्र यात्रा शुरू हो रही है, इस बीच वक्त होने पर मुलाकात पर विचार किया जाएगा।

एयरपोर्ट से अन्ना हजारे सीधे सुंदर नगरी पहुंचे। जहां उन्होंने कमरे में अरविंद से आधे घंटे तक बातचीत की। उसके बाद करीब 11 बजे अन्ना मंच पर पहुंचे। उनके साथ अरविंद भी मंच पर आए।