सेवागंगा (तमिलनाडु)। 3 फरवरी (पी टी आई)। मर्कज़ी वज़ीर फाइनांस पी चिदम़्बरम ने बहबूदी स्कीमात फ़ायदा हासिल करने वालों को रास्त रक़म मुन्तक़िली स्कीम का दिफ़ा करते हुए कहा कि आख़िर बाज़ गोशों से उसकी मुख़ालिफ़त क्यों की जा रही है? जब कि इस स्कीम के ज़रीये दरमियानी आदमी को हटा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि फ़लाही स्कीमात के फंड्स दरमियानी अफ़राद और कमी बेशी के बगैर रास्त फ़ायदा हासिल करने वालों तक पहुंचाने में कोई क़बाहत नहीं है। उन्होंने कहा कि हुकूमत स्कीम को वुसअत देने की ख़ाहां है। इस वक़्त 51 अज़ला में इस पर अमल किया जा रहा है और जारिया साल 700 से ज़ाइद अज़ला तक वुसअत देने का मंसूबा है।
स्कीम के तहत 100 दिन रोज़गार ज़मानत प्रोग्राम उजरत, ओल्ड पैंशन और मेडीकल इंशोरंस की रक़म रास्त अवाम के बैंक एकाऊंटस मुंतक़िल करदी जाएगी। हुकूमत तमिलनाडु ने इस स्कीम की मुख़ालिफ़त की है और गवर्नर ने असेंबली से हालिया ख़िताब के दौरान कहा था कि रियासत में मुख़्तलिफ़ स्कीमात जैसे पी डी इस और मुफ़्त लेपटोप की तक़सीम पर अमल किया जा रहा है।
ऐसे में हुकूमत माहाना बुनियाद पर इस नवीत की स्कीम पर अमल नहीं करसकती। चिदम़्बरम ने रियासती हुकूमत पर भी तन्क़ीद की और कहा कि सेवा गंगा में देढ़ साल से कोई सरकारी तक़रीब नहीं हुई।