राहत-ओ-आफ़ियत के लिए दुआओं का ख़ुसूसी एहतिमाम करें

मुंबई 26 अक्तूबर (पी टी आई) बाली वुड में ईद और दीवाली के दो त्योहारों को बॉक्स ऑफ़िस के लिए बहुत ही अहम माना जाता है।

ईद के मौक़ा पर जहां सलमान ख़ान की फ़िल्म बॉडीगार्ड सुपर हिट साबित हुए वहीं दीवाली पर अब शाहरुख ख़ान की सुपर हीरो फ़िल्म रा-वन की रीलीज़ का सब को इंतिज़ार है।

रा-वन के इलावा हेमामालिनी की डावर किशन वाली फ़िल्म टेल मी ओ ख़ुदा की रीलीज़ से भी फ़िल्म शायक़ीन को फ़ैसला करना मुश्किल हो जाएगा कि वो पहले किस फ़िल्म को तर्जीह दें।

दूसरी तरफ़ हिमेश रेशमिया की बी क्लास फ़िल्म दमादम देखने वालों का भी एक अलहदा तबक़ा होगा। तिजारती तजज़िया निगारों का कहना है कि रा।वन की तशहीर केलिए जो नित नए तरीक़े अपनाए गए हैं और जिस तरह पैसा पानी की तरह बहाया गया है इससे ये वाज़िह हो जाता है कि रा।वन आख़िर-उज़-ज़िक्र दोनों फिल्मों पर सबक़त हासिल करेगी।

तिजारती तजज़िया निगार तरूण आदर्श ने पी टी आई को बताया कि रा।वन का इंतिज़ार सिर्फ़ हिंदूस्तानी शायक़ीन को ही नहीं है बल्कि बैरूनी ममालिक के शायक़ीन भी इस का बेचैनी से इंतिज़ार कर रहे हैं। जिस से आख़िर-उज़-ज़िक्र दोनों फिल्मों के बिज़नस पर मनफ़ी असर मुरत्तिब होसकता है।

गुज़शता साल भी गोलमाल। और ऐक्शण रीप्ले रीलीज़ की गई थीं लेकिन गोलमाल। जहां हिट साबित हुई वहीं ऐक्शण रीप्ले ने बॉक्स ऑफ़िस पर पानी तक नहीं मांगा, हालाँकि में मैं ऐश्वर्या राय और अक्षय कुमार थी।

1990 ए- की दहाई में भी दीवाली के मौक़ा पर रीलीज़ की गई फिल्मों ने नुमायां कामयाबी हासिल की थी जिन में यश चोपड़ा की वीर ज़ारा, मुहब्बतें (2000), दिल तो पागल है (1997), दिल वाले दुल्हनिया ले जाऐंगे (1995), करण जौहर की कुछ कुछ होता है (1998), और सूरज बरजा त्या की फ़िल्म हम साथ साथ हैं (1999) काबिल-ए-ज़िकर हैं। लिहाज़ा उन बुनियादों पर तमाम फ़िल्मी तजज़िया निगारों की मुत्तफ़िक़ा राय यही है कि शाहरुख ख़ान की फ़िल्म राह।वन हिन्दी फिल्मों के तमाम साबिक़ा रेकॉर्ड्स तोड़ देगी।