राहुल अपनी दादी के फार्मूला पर कारबन्द

नई दिल्ली, ३१ दिसम्बर: (एजेंसीज़) कांग्रेस नौजवान लीडर राहुल गांधी ने अपनी दादी इंदिरा गाँधी की जानिब से 40 साल क़बल इस्तिमाल शूदा नारा ग़रीबी हटाओ को फिर एक मर्तबा इस्तिमाल किया है।

उत्तर प्रदेश में अपनी इंतिख़ाबी मुहिम के दौरान राहुल गांधी ने इंदिरा गांधी की जानिब से इस्तिमाल करदा नारा ग़रीबी हटाओ को अपनाते हुए यहां मौजूद अवाम से कहा कि सियासत का असल मतलब यही है।

उन्हों ने कहा कि मेरी दादी इंदिरा गांधी ने ग़रीबी हटाओ का नारा दिया था और मैं समझता हूँ कि ग़ुर्बत और पसमांदगी ही ऐसी चीज़ें हैं जिन्हें ख़तम् करना ही सियासत का असल मक़सद है।

यहां मुनाक़िदा एक ख़ुसूसी प्रोग्राम के दौरान अवाम से ख़िताब करते हुए उन्होंने कहा कि ग़रीबी हटाना ही असल सियासत का मक़सद है जबकि आम ख़्याल ये किया जाता है कि सियासत का मतलब क़ाइदीन के जेब पैसों से भरना है और सिर्फ देहातों का दौरा करते हुए अवाम से मुलाक़ात उन का काम है।

राहुल गांधी ने अपने ख़िताब में ये दावे भी किया कि कांग्रेस हुकूमत ग़रीब, दलित पसमानदगान, किसान और मज़दूर तबक़ा के लिए काम करेगी और उन्हें ज़ात पात के सरहदों से पार करते हुए एक बेहतर ज़िंदगी का मौक़ा फ़राहम करेगी। नीज़ पार्टी पाँच बरसों में अपने वाअदे पूरे करेगी। उन्हों ने मज़ीद कहा कि अगर अवाम ख़ुद भरोसा करें तो ग़ुर्बत का ख़ातमा होसकता है।

अपनी तक़रीर के दौरान उन्हों ने अपने भाई और बी जे पी उम्मीदवार वरूण गांधी और ख़ुद को दलितों की लीडर कहने वाली मायावती को अपनी शदीद तन्क़ीद का निशाना बनाया।