राहुल की ताजपोशी पर गौर व फिक्र

नई दिल्ली, ०‍ ७ नवंबर: अगले लोकसभा इलेक्शन को ख्याल में रखकर चुनावी तैयारियों में जुटी कांग्रेस अपना हर कदम पूरी एहतियात के साथ रखना चाह रही है। करप्शन और बदनामी को धोने के मकसद से जहां पार्टी के अंदर ख्याल करने का दौर शुरू हो गया है|

इस मामले में काफी एहतियात बरती जा रही है। राहुल की ताजपोशी को लेकर पार्टी का मानना है कि तंज़ीम में राहुल को बड़ी जिम्मेदारी देने के साथ होने वाले फेरबदल को गुजरात चुनाव के बाद अंजाम देना ही बेहतर होगा। गुजरात इंतेखाब में कांग्रेस की खराब हालत को देखते हुए राहुल की ताजपोशी को अभी सिरे नहीं चढ़ाने की बात पार्टी के सबसे उपर की सतह पर सोची जा रही है।

वहीं, तंज़ीम और हुकुमत में बातचीत के अमल को बेहतर बनाने के लिए बुलाई गई इजलास के बाद अब सयासी बोहरान से पार पाने के लिए अगले साल जनवरी में कैम्प बुलाने पर भी बात चल रही है। अगले लोकसभा इलेक्शन में राहुल की कियादत में आगे बढ़ने का मन बना चुकी कांग्रेस अब उनको ध्यान में रखकर ही अपनी हिकमत अमली (रणनीति) बुन रही है। लिहाजा, राहुल को तंज़ीम में अहम किरदार देने की टाइमिंग को लेकर बड़े सतह पर बातचीत चल रही है।

गुजरात में नरेंद्र मोदी के सामने पार्टी को फिलहाल ज्यादा उम्मीद नहीं लग रही है।

गुजरात में मतदान 13 और 17 दिसंबर को है, जबकि वोटों की गिनती 20 दिसंबर को है। हिमाचल इलेक्शन के वोटों की गिनती भी इसी दिन है। पार्टी ज़राए का कहना है कि दिसंबर में राहुल की बड़ी जिम्मेदारी का ऐलान हो सकता है। जबकि जनवरी में एक खास इजलास का मुनज़्ज़म भी हो सकता है।