राहुल गांधी अगर गुनाहगार हुए तो होगी 3 माह की जेल

इलेक्शन कमीशन ने माना है कि अमेठी में राहुल गांधी ने क़वानीन की खिलाफवर्जी की है। जुमेरात के रोज़ चीफ इलेक्शन कमिश्नर वीएस संपत ने कहा कि अमेठी में वोटिंग के दिन कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी तीन पोलिंग बूथ पर मौजूद होने की जांच की जा रही है। ।

मामले की जांच वोटिंग की प्राइवेसी से मुताल्लिक कानून के हिसाब से की जाएगी। कांग्रेस के नायब सदर राहुल अगर प्राईवेसी तहलील करने के खाती पाए जाते हैं, तो उन्हें तीन महीने की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इलेक्श आफीसर एचएस ब्रम्हा ने कहा कि कोई ग्रे एरिया नहीं है। राहुल गांधी साफ तौर पर वोटिंग कंपार्टमेंट में खडे देखे गए और उन्होंने क़वानीन की खिलाफवर्जी की है।

इसमें कुछ भी लुका-छुपा नहीं है। वह वोटिंग कंपार्टमेंट के अंदर खडे दिखाई दिए हैं। ज़राये के मुताबिक इलेक्शन कमीशन को अमेठी के रिटर्निग ऑफिसर से रिपोर्ट मिल गई है और इस पर आज गौर किया जाएगा। लेकिन राहुल गांधी के खिलाफ होने वाली कार्रवाई इस बात पर मुंहसिर करेगी कि जब वह वोटिंग कंपार्टमेंट के अंदर थे, तब क्या वहां कोई वोट डाल रहा है।

इलेक्शन कमीशन के ज़राये के मुताबिक, आवामी नुमाइंदगी की दफा 128 के तहत वोटिंग की प्राईवेसी का मामला खासतौर पर इलेक्शन आफीसर , एजेंटों और वोटिंग की गिनती की रिकॉर्डिग से जुडे शख्स पर मुंहसिर है। इस कानून की खिलाफवर्जी पर तीन महीने की जेल या जुर्माना या फि दोनों हो सकते हैं। एक आफीसर ने कहा कि हो सकता है कि राहुल गांधी ने सीधे-सीधे इस कानून की खिलाफवर्जी न किये हो।

उम्मीदवार पर सीधे-सीधे इस कानून में मामला बनता नहीं है। अगर किसी वोटर की प्राईवेसी की खिलाफवर्जी हुई है तो वह शिकायत कर सकता है। इस मामले में इलेक्शन कमीशन फौरन असरात के मुताल्लिक प्रीसेंडिंग आफीसर को मुअत्तल कर सकता है। इंतेखाबी नियमों की खिलाफवर्जी और डयूटी पर अमल नहीं करने को लेकर इलेक्शन कमीशन प्रीसेंडिंग आफीसर पर कार्रवाई के लिए मुताल्लिक महकमा को कह सकता है।

नियमों के मुताबिक यह प्रीसेंडिंग आफीसर की जिम्मेदारी है कि वह यह यकीनदहानी करें कि जहां ईवीएम रखी गई है वहां वोटर के इलावा कोई मौजूद न रहे। राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई इस बात पर मुंहसिर करती है कि वोटिंग के दिन जब वोटर्स वोट डाल रहे थें तब वह ईवीएम के पास मौजूद थे या नहीं।