अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ एक स्थानीय अदालत में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दाखिल किया है। मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने बैंक में नोटबंदी के दौरान पांच दिनों में ही देश भर में सबसे अधिक रकम जमा होने के बारे में कांग्रेस के बयान को लेकर दायर इस मामले में आगे सुनवाई से पहले आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत और जांच के आदेश दिए।
कोर्ट ने शिकायतकर्ता को 17 सितंबर को अदालत में मौजूद रहने के निर्देश भी दिए। शिकायतकर्ता एडीसीबी और उसके अध्यक्ष अजय पटेल की ओर से दाखिल याचिका में दलील दी गयी है कि दोनों नेताओं ने बैंक के खिलाफ मिथ्या और मानहानि के आरोप लगाए हैं।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस के गढवी ने सीआरपीसी की धारा 202 के तहत मामले में अदालती जांच (कार्यवाही चलाने के लिए समुचित आधार है या नहीं इस पर फैसले के लिए छानबीन) का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई 17 सितंबर को होगी। मुंबई के एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा दायर आरटीआई पर नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) ने जवाब जारी किया था जिसके बाद राहुल और सुरजेवाला ने आरोप लगाए थे।
राहुल गांधी और सुरजेवाला ने कथित रूप से आरोप लगाए थे कि आठ नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के पांच दिन के भीतर एडीसीबी ने 745.59 करोड़ रुपए के पुराने नोट जमा किए।
मुंबई के एक एक्टिविस्ट द्वारा दायर आरटीआई पर नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) ने जवाब जारी किया था। जिसके बाद राहुल और सुरजेवाला ने आरोप लगाए थे। पटेल ने उक्त बयानों की सीडी और ट्रांसक्रिप्ट के साथ दी गई अपनी शिकायत में कहा है कि राहुल गांधी और सुरजेवाला के बयानों से बैंक की छवि को खासा नुकसान पहुंचा है और उनके खिलाफ मानहानि के कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।