राहुल गांधी का एक और बड़ा वादा, नौकरी लगने तक शिक्षा लोन पर नहीं लगेगा ब्याज

युवाओं के लिए राहुल गाँधी ने एक बड़ा एलान किया है । देश के बीस फीसदी सबसे गरीब परिवारों को न्यूनतम आय योजना (न्याय) देने के वादे के साथ कांग्रेस ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव घोषणा पत्र में शामिल वादे को दोहराते हुए कहा है कि जब तक एक विद्यार्थी को नौकरी नहीं मिलती या स्वरोजगार के माध्यम से कमाई नहीं होती, तब तक बैंक कोई ब्याज नहीं लेगा।

राहुल गांधी ने रविवार को फेसबुक पोस्ट में कहा कि पार्टी सत्ता में आती है, तो 31 मार्च 2019 तक के पुराने शिक्षा ऋण पर बकाया ब्याज माफ कर दिया जाएगा। पार्टी ने शिक्षा ऋण के लिए एकल खिड़की सिस्टम का भी वादा किया है। दरअसल, अभी शिक्षा ऋण पर युवाओं को नौकरी लगने तक सिर्फ ब्याज देना होता है। नौकरी या स्वरोजगार शुरू होने के बाद किश्त शुरू होती है।

पार्टी ने लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में शिक्षा से जुड़े कई वादे किए हैं। इनमें बारहवीं तक शिक्षा मुफ्त और अनिवार्य करने के साथ शिक्षा बजट को बढ़ाकर जीडीपी का छह फीसदी करने का वादा किया है। पार्टी ने कहा कि शिक्षा ऋण के लिए आवेदन एकल पोर्टल पर प्राप्त, जांच और स्वीकृत किए जाएंगे।

इसके बाद आवेदक के निवास या अध्ययन स्थल के नजदीक प्रलेखन व निगरानी के लिए बैंक की शाखा को सौंपे जाएंगे। जब तक विद्यार्थी की नौकरी नहीं लगती या स्वरोजगार से कमाई शुरू नहीं होती, तब तक अध्यन की अवधि के दौरान कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा।