राहुल गांधी की जेड प्लस सिक्योरिटी में सेंध लगा घुसी महिला, मामले की जांच शुरू

गुजरात में दलितों से मारपीट के मामले के बाद पीड़ितों से मिलने पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा से खिलवाड़ का मामला सामने आया है। जिसके मुताबिक हॉस्पिटल में राहुल एक महिला को गले लगाकर मदद का भरोसा देते हैं क्यूंकि यह महिला खुद को वहां के एक पीड़ित की माँ बता रही थी।  लेकिन बाद में उस महिला का सच सामने आया कि राहुल से गले मिलने वाली 65 साल की महिला न तो उसकी मां है और न ही रिश्तेदार। इसके साथ ही वह दलित समाज से भी नहीं है। पीड़ितों ने जब अखबार में महिला की फोटो देखी तो वे चौंक गए। महिला की पहचान राजकोट की रहने वाली रमा मूछड़िया के नाम में हुई है जबकि राहुल से मिलने के लिए महिला ने पास पर अपना नाम रमा सरवैया लिखवाया था और पीड़ित  वेशराम सरवैया को अपना बीटा बताया था। वेशराम के कजिन वालजी से पता चला है कि यह महिला 20 जुलाई को वार्ड में आई थी और सबसे कहा कि वह हमें इंसाफ दिलाएगी और 21 जुलाई को सुबह वह वार्ड में आकर मरीजों के पास बैठ गई। आपको बता दें कि जेड प्लस सिक्युरिटी वाले किसी भी वीवीआईपी के दौरे और मुलाकात के वक्त वहां जिसे भी मौजूद रहना होता है इसकी लिस्ट पहले से ही लोकल पुलिस की स्पेशल यूनिट को देनी होती है। इसी के आधार पर पुलिस पास जारी करती है। अब सवाल यह है कि खुद को दलित बताने वाली रमा के बदले कोई असामाजिक तत्व या आतंकी भी राहुल के आसपास आकर हमला कर सकता था। पुलिस की किसी जेड प्लस सिक्योरिटी प्राप्त वीवीआईपी के प्रति कितनी जिम्मेदारी है इससे साफ़ जाहिर हो रहा है।