राहुल गांधी वादों के साथ अपने इरादों में मजबूत

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यह तस्वीर आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है। सोशल मीडिया पर लोगों को खूब पसंद आने वाली यह तस्वीर पर लोगों की राय भी लगभग आम है। लोग इसे खूब पसंद कर रहे हैं। मगर इस तस्वीर में एक मजबूत इरादा भी है जिसको समझने की जरूरत है। ये तस्वीर किसी अहंकार की नहीं बल्कि खुद को जनता की सेवा में रखने की है। इरादा एक कामयाब सोच की है, इरादा देश को आगे बढ़ाने की है।

देश की सत्ता के लिए जनता से वादा करना और उन वादों पर खड़ा नहीं उतरना ये आजकल की सियासत में एक अहम रणनीति माना जा रहा है। मगर कुछ करने का इरादा अगर दिल में हो तो जनता के सामने पेश करने की जरूरत नहीं, जनता उन इरादों को आपके आव भाव से बखूबी जान लेती है। हिंदुस्तान की सियासत पर सबसे ज्यादा राज कर चुकी कांग्रेस पार्टी इस देश को बेहतर मकाम तक पहुंचया है। इस देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने वाले नेहरु गांधी परिवार की योगदान को कोई नहीं भुला सकता। आज के युवा पीढ़ी और देश के अगले भविष्य में भी इरादा मजबूत दिख रहा है। राहुल गांधी कांग्रेस के साथ इस देश के पढे लिखे युवाओं की पहली पसंद बनते जा रहे हैं।

युवा पीढ़ी उनमें अपने देश का अगला भविष्य देख रहे हैं। राहुल गांधी के भाषण में वादों से ज्यादा इरादे नज़र आते हैं। जो इस देश को आगे बढ़ाने के लिए काम आ सकता है। सत्ता की भूख से ज्यादा देश के हालात पर चिंता करने वाले राहुल गांधी अपने भाषणों में उन बातों को रखते हैं जो बात जनता की होती है। जनता उनकी भाषणों में अपनी बात को महसूस करने लगे हैं। उनके साधारण सोच को जनता खूब पसंद कर रही है।

आने वाले 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी के लिए सब कुछ आसान नहीं है, मगर सियासी जानकारों के मुताबिक जनता उनमें ज्यादा विश्वास रखती दिख रही है। 2014 में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर चुकी जनता रोजमर्रा की जिंदगी में परेशान हो रही है। मंहगाई के अलावा दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हो रहे हमलों ने एक खतरनाक रुप ले लिया है। शायद यही वजह है कि जिस के समर्थन से बीजेपी सत्ता पर आसीन हुई, अब वह जनता ना उम्मीद है। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में जनता के पास सबसे ज्यादा विकल्प होता है, जनता अपने मताधिकार से सत्ता को बदलने में कामयाब होती है।

अब्दुल हमीद अंसारी
(लेखक के अपने विचार है)