राहुल द्रविड़ का चीज़ों को करने का अपना अलग ही अनोखा अंदाज़ है। वह हमेशा एक अलग तरह से हर काम को अंजाम देते हैं।
यहाँ ज़िक्र है बंगलोर यूनिवर्सिटी की तरफ से उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि देने की पेशकश का। इस पेशकश के लिए पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम कप्तान के पास सबसे अनूठा जवाब था।
राहुल द्रविड़ ने यूनिवर्सिटी से कहा कि वे मानद उपाधि नहीं लेना चाहते बल्कि डॉक्टरेट की डिग्री को कमाना चाहते हैं।
विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कुलपति ने कहा, “द्रविड़ ने उन्हें पहचानने के लिए विश्वविद्यालय को धन्यवाद किया और पूरी विनम्रता के साथ मानद उपाधि को स्वीकार करने से मना कर दिया।”
यह पहली बार नहीं है जब द्रविड़ ने मानद उपाधि स्वीकार नहीं की है। क्रिकेटर ने 2014 में गुलबर्गा विश्वविद्यालय के 32 वें दीक्षांत समारोह हिस्सा नहीं लिया था, भले ही वह 12 डॉक्टरेट की मानद उपाधि के लिए चुनी गयी हस्तियों में शामिल थे।
राहुल द्रविड़ हकीक़त में एक सितारे हैं।