रिजर्व बैंक ने ‘इस्लामी बैंकिंग’ का प्रस्ताव किया पेश, जल्द लागू करने की मांग

मुंबई। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने हाल में भारत में इस्लामी बैंकिंग प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव पेश किया है, जिस पर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य हुसैन दिलवाई ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस महत्वपूर्ण कदम का स्वागत किया और उम्मीद जताई है कि गैर सूदी इस्लामी बैंकिंग प्रणाली को जल्द से जल्द लागू किया जाए जो आम नागरिकों के हित में कारगर साबित होगा जो कि ब्याज तले दबे हुए हैं।

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न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार हुसैन दिलवाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को पिछले बजट के मौके पर एक पत्र भेजा था जिसमें अनुरोध किया गया था कि बजट में गैर ब्याज बैंकिंग प्रणाली के प्रस्ताव को भी शामिल किया जाए। गौरतलब है कि दिसंबर 2015 में आरबीआई ने उक्त रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की जो उसकी एक उप-समिति ने तैयार की थी और इसमें एक अध्याय गैर ब्याज बैंकिंग के संबंध में रखा गया और उसकी महत्व ज़ाहिर की गई ताकि इस प्रणाली से आम लोगों को लाभ पहुंचे।
रिपोर्ट में एक पूरा अध्याय ‘गैर सूद बैंकिंग या इस्लामी बैंकिंग प्रणाली में पेश किया गया है जिस में उपयोगकर्ता को न्याय मिलेगा। हुसैन दिलवाई ने कहा कि बेनामी संपत्ति और ब्याज नाम के कारण किसानों ने आत्महत्या कर ली है, इसलिए संसाधनों को उन तक पहुंचाना ज़रूरी है। उन्होंने आगे कहा कि 2008 में डॉक्टर रघूराम राजन ने भी गैर सूदी बैंकिंग प्रणाली के बारे में एक रिपोर्ट पेश की थी और गैर सूदी प्रणाली को लागू करने और जिन धर्मों में अनुमति दी है, उसे अधिक परवान चढ़ाने में मदद मिलेगी, लेकिन इस पर अधिक अमल नहीं हो सका।
हुसैन दिलवाई ने पूर्व मंत्री अल्पसंख्यक मामलों के रहमान खान के माध्यम से अपने पद के दौरान इस संबंध में किए जाने वाले उपाय की प्रशंसा की।