रिनपास में बिहार से ज्यादा नफसानी मरीज़ झारखंड के

रांची 20 मई : एक समय था कि बिहार-झारखंड के वाहिद मेंटल हॉस्पिटल (रियासती हुकूमत का) रिनपास (Ranchi Institute of Neuro-Psychiatry & Allied Sciences ) में बिहार के नफसानी मरीज़ (मनोरोगी)की तादाद ज्यादा होती थी। इलाज के लिए आनेवाले ज्यादातर मरीज बिहार के होते थे। रियासत कायम के बाद कई सालो तक यही हालत रही। अब हालत यह है कि रांची वाक़ेय इस आदरे में बिहार से ज्यादा झारखंड के मरीज भरती हो रहे हैं।

माहिर नफ्सियात तो दावा करते हैं कि झारखंड में यह हालत लोगों के दरमियान इस बीमारी को लेकर बेदारी बढ़ने की वज़ह से है। अब यहां के लोग सिर्फ अस्पताल ही नहीं आते, जरूरत पड़ने पर मरीजों को भरती भी करा रहे हैं। 2012-2013 में रिनपास (मेंटल हॉस्पिटल) में 2494 मरीज भरती किये गये। इनमें से 1531 (1237 मर्द और 294 खातून) मरीज झारखंड के थे, जबकि बिहार के 936 (816 मर्द और 120 खातून) मरीज ही।

दोनों रियासतों के मरीज का इलाज मुफ्त

रिनपास में झारखंड और बिहार के मरीजों का मुफ्त में इलाज होता है। इलाज कराने के एवज में दोनों सूबे की हुकूमत रिनपास को फी मरीज रक़म का अदायगी करती है। समय-समय पर बिहार सरकार रिनपास को मरीजों की तादाद की बुन्याद पर रक़म फराहम कराती है। मरीजों का इलाज के साथ उन्हें मुफ्त दवा भी मुहैया होती है।