अपनी हुकूमत के आठ साल पूरे होने पर वज़ीरे आला नीतीश कुमार ने पीर के दिन रिपोर्ट कार्ड-2013 जारी किया। हुकूमत की कामयाबीयों की बहस करते हुए वज़ीरे आला ने जहां एक ओर बेहतरीन हुकूमत को कायम रखने की अज़म दोहरायी, वहीं दूसरी तरफ कई नयी मंसूबों का ऐलान किए।
उन्होंने एक फरवरी, 2014 से फूड सेक्यूर्रीटी कानून लागू करने की बात कही। साथ ही हर ब्लॉक में 24 घंटे काम करनेवाला एक इजाफ़ी प्राइमरी सेहत सेंटर, टोला खादीम और तालिमी मरकज के खादीमों के तंख्वाह में इजाफा करने, जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन और एमआरआइ की सहूलत फराहम कराने, ग्रांट मदरसा, संस्कृत स्कूल और स्कूलों की तालेबात को भी वजीफा देने की ऐलान की। उन्होंने कहा कि खुसुसि रियासत के दर्जे का मुहिम जारी रहेगा। मर्कज़ अगर फैसला ले लेता है तो ठीक है, वरना हमारा मुहिम जारी रहेगा।
खास वक़्त पर होगा काबीना का तौसीह वजीरे ने कहा कि काबीना का तौसिह खास वक़्त पर किया जायेगा। हमें काम का बोझ नहीं। हम काम को अपना मजहब और फर्ज़ समझते हैं। कोई मेरी या मेरे काम का बोझ की फिक्र न करे। काम करने के इलावा मेरे पास कोई काम नहीं है। हम और काम ले सकते हैं। अपने साथियों और अफसरों के साथ आवाम की मर्ज़ी और ख्वाहिसात को पूरा करने की कोशिश कर रहा हूं।
तमाम 17 वज़ीरों , चीफ़ सेक्रेटरी, डीजीपी समेत बिहार हुकूमत के तमाम आला अफसरों की मौजूदगी में सीएम सेक्रेटरीयेट के बातचीत रूम में मुनक्कीद तकरीब में तकरीबन घंटे भर के तक़रीर में वजीरे आला ने कहा कि पहले तो कोई उम्मीद ही नहीं थी। काम होने लगे, तो लोगों को उम्मीद भी बढ़ी। हम उम्मीदों से नहीं घबराते। बिहार का हर काम गैर मामूली है। मुखालेफीन इसे नकार नहीं सकते हैं। एहसास को कोई बदल नहीं सकता। लोगों के मन से डर निकल गया है। अब किसी को कोई खौफ नहीं। रात में घर जाने की जल्दी किसी को नहीं रहती। वारदात होते रहती हैं। दहशतगर्दी वारदात पर सियासत की जा रही है। चाहे जो भी चुनौती हो, मुकाबला करेंगे। बेहतर इक्तिदार की राह से नहीं भटकेंगे। जिसे जो भी चश्मे से देखना है, देखे। कानून निज़ाम के मुद्दे पर कोई ढिलाई नहीं होगी।