रियासती हज कमेटी की तशकीले जदीद मुतवक़्क़े

हुकूमत ने रियासती हज कमेटी की तशकीले जदीद के सिलसिले में मुशावरत का आग़ाज़ किया है। तवक़्क़ो है कि अंदरून दो यौम रियासती हज कमेटी तशकील देदी जाएगी। चीफ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने कैंप ऑफ़िस में अक़लीयती उमूर से मुताल्लिक़ सी एम ओ के इंचार्ज ओहदेदार और वज़ीर अक़लीयती बहबूद अहमदुल्लाह से इस मसअले पर तबादले ख़्याल किया।

हज कमेटी में शामिल किए जाने वाले नामों के सिलसिले में भी मुख़्तलिफ़ गोशों से तफ़सीलात तलब की गई हैं और तवक़्क़ो है कि 16 अरकान पर मुश्तमिल कमेटी तशकील दी जाएगी जो बाद में सदर नशीन का इंतिख़ाब करेगी। रियासती हज कमेटी की मीआद 15 अगस्त 2013 को ख़त्म हो गई थी जिस के बाद से स्पेशल ऑफीसर के ज़रीए हज कमेटी के उमूर अंजाम दीए जा रहे हैं।

हज एक्ट 2002 के तहत 16 अरकान पर मुश्तमिल कमेटी की तशकील की गुंजाइश है। कमेटी में शमूलीयत के लिए कांग्रेस पार्टी के अक़लीयती क़ाइदीन और समाज के मुख़्तलिफ़ गोशों से ताल्लुक़ रखने वाले अफ़राद की जानिब से बड़े पैमाना पर पैरवी शुरू करदी गई है। मुख़्तलिफ़ अवामी नुमाइंदे कमेटी में शमूलीयत के लिए अपने सिफ़ारिशी नाम चीफ मिनिस्टर को रवाना कर चुके हैं।

बताया जाता है कि सिफ़ारिश कर्दा नामों में बाअज़ ऐसी शख्सियतों के नाम भी शामिल हैं जो साबिक़ में दो मर्तबा हज कमेटी में शामिल रह चुके थे। वाज़ेह रहे कि हज 2014 के मोअस्सर इंतेज़ामात को यक़ीनी बनाने के लिए चीफ मिनिस्टर ने हज कमेटी की तशकील का फैसला किया है।

अक़लीयती फ़ाइनेन्स कारपोरेशन और उर्दू अकेडमी की मीआद के इख़तेताम के बाद अभी तक सदर नशीन और डायरेक्टर्स का तक़र्रुर नहीं किया गया। तवक़्क़ो है कि हज कमेटी की तशकील के बाद चीफ मिनिस्टर इन दोनों इदारों की तशकीले जदीद पर तवज्जा मर्कूज़ करेंगे।