रियासत की तक़सीम पर सुप्रीम कोर्ट से मश्वरा लेने की ज़रूरत

तेलुगु देशम पार्टी के सदर एन चंद्रा बाबू नायडू ने मर्कज़ पर इल्ज़ाम लाग‌या कि इस ने ग़ैर ज़िम्मे दाराना अंदाज़ में आंध्र प्रदेश की तक़सीम का फ़ैसला किया है।

मिस्टर चंद्राबाबू नायडू ने सदर जमहूरीया से मुतालिबा किया कि वो इस ज़िमन में तमाम हस्सास मसाइल का जायज़ा लें और उन मसाइल को सुप्रीम कोर्ट से इस के मश्वरह के लिए रुजू करें।

चंद्राबाबू नायडू ने सदर जमहूरीया के नाम रवाना करदा अपने मकतूब में कहा कि आंध्र प्रदेश रियासती तंज़ीम जदीद बिल के मुसव्वदा की तैयारी में मर्कज़ ने तमाम मुताल्लिक़ा फ़रीक़ैन को एतेमाद में लिए बगै़र मुसव्वदा की तैयारी में जल्दबाज़ी का मुज़ाहरा करते हुए एक ख़तरनाक मिसाल क़ायम की है जिस से इलाक़ों के माबैन मुख़्तलिफ़ मसाइल पैदा होंगे और इस अंदाज़ में तैयार करदा बिल पर अमल आवरी की सूरत में रियासत के अवाम के माबैन मुनाफ़िरत पैदा होंगी।

तक़सीम के लिए आंध्र प्रदेश क़ानूनसाज़ असेंबली मी क़रारदाद की मंज़ूरी की एहमीयत-ओ-ज़रूरत को उजागर करते हुए चंद्राबाबू नायडू ने इल्ज़ाम लाग‌या कि मर्कज़ ने इंतिहाई जल्दबाज़ी और उजलत पसंदी में तंज़ीमी जदीद का मुसव्वदा तैयार किया है और ग़ैरमामूली उजलत के साथ उसको सदर जमहूरीया के दफ़्तर से रुजू कर दिया।

ये एक ग़ैर जमहूरी अमल है और उसको जारी रखने की इजाज़त दी जाये तो बिलाशुबा इस से मुल्क में सियासी मक़ासिद के लिए हुकूमत-ए-हिन्द की तरफ से रियासत की तंज़ीम के लिए इक़तिदार के बेजा इस्तेमाल की राह हमवार होजाएगी और दस्तूर के नुक़्सान होगा।