जदयू तर्जुमान राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि भाजपा लीडर सुशील मोदी ने खुसूसी रियासत के दर्जा को लेकर मुनफी बयान दिया है। जदयू यह जानना चाहता है कि अगर बिहार को खुसूसी रियासत के दर्जे से फ़ायदा नहीं मिलेगा, तो 2006 में एसेम्बली और 2010 में विधान कोनसिल से तजवीज क्यों पास होने दिया।
क्यों उनकी पार्टी ने इसका हिमायत किया। क्यों हुंकार रैली में इसकी वकालत करने की बात की। उन्होंने कहा कि एकतेदार से हटने के बाद भाजपा लीडर हर दिन बयान बदल रहे हैं। अपने ही स्टैंड के खिलाफ खड़े हो जा रहे हैं। खुसूसी रियासत का दर्जा मिलने पर मर्कज़ी मदद और टैक्स में रियायत मिलती है। बिहार को इसका फ़ायदा ज़्यादा मिलेगा। यह बिहार के लिए खुद्दारी की लड़ाई बन चुकी है। रियासत के करोड़ों लोगों ने इसके लिए जद्दो-जहद किया है।
तरक़्क़ी की होड़ में पीछे हो गये बिहार के लिए यह आखरी जंग है। वहीं, नौजवान जदयू के जेनरल सेक्रेटरी नीलमणि सिंह ने कहा कि भाजपा लीडर ने तरक़्क़ी मुखालिफ बयान दिया है। एकतेदार में रहने पर अपने काम करने के बजाय वे पिकनिक और वीकेंड मनाने में मशरूफ रहे। एकतेदार से हटने पर वे बौखला गये हैं और झूठे हकायक की बुनियाद पर आवाम को गुमराह कर रहे हैं।