रियासत में बर्क़ी (बिजली ) सूरत-ए-हाल बेहतर कटौती का सिलसिला ख़त्म

हैदराबाद 11 मई ( सियासत न्यूज़ ) रियासत में बर्क़ी (बिजली ) की सूरत-ए-हाल में बेहतरी पैदा हुई है जबकि रियासत के तमाम गाओं में रबीआ सीज़न के इख़तिताम के बाद बर्क़ी (बिजली ) कटौती का सिलसिला ख़त्म कर दिया गया है ताहम आज भी रियासत में बर्क़ी (बिजली ) की तलब (डिमांड) और स्पलाई (डिमांड और सप्लाई )में फ़र्क़ है ।

ए पी ट्रांस्को के ज़राए के बमूजब (मोताबिक) यौमिया 18 मिलियन यूनिट की कमी दरपेश है इसी वजह से तमाम बड़ी सनअतों (कारखानो) को बर्क़ी (बिजली ) कटौती का सिलसिला जारी है ।ज़राए ने बताया कि अब जबकि रियासत में तबेआ सीज़न ख़त्म होगया है गावों में और छोटे पैमाने की सनअतों (कारखानो) के लिए रियासत भर में बर्क़ी (बिजली ) कटौती का सिलसिला ख़त्म कर दिया गया है ।

ज़राए के बमूजब (मोताबिक) रियासत में यौमिया बर्क़ी (बिजली ) तलब (डिमांड) में 300 मिलियन यूनिट से कमी होकर ये तलब (डिमांड) 260 मिलियन यूनिट तक होगई है । रबीआ सीज़न के इख़तताम की वजह से किसानों के लिए बर्क़ी (बिजली ) तलब (डिमांड) में कमी वाक़ै हुई है । रियासत में बर्क़ी (बिजली ) की यौमिया क़िल्लत जो 50 मिलियन यूनिट थी वो अब घट कर यौमिया 18 मिलियन यूनिट होगई है ।

ज़राए ने बताया कि फ़िलहाल रियासत में यौमिया बर्क़ी (बिजली ) की तलब (डिमांड) 260 मिलियन यूनिट की है ताहम दस्तयाब बर्क़ी (बिजली ) 242 मिलियन यूनिट ही है इस तरह 18 मिलियन यूनिट की क़िल्लत है । बर्क़ी (बिजली ) की क़िल्लत जब 50 मिलियन यूनिट यौमिया थी उस वक़्त गावों में रात के वक़्त बर्क़ी (बिजली ) बेला वक़फ़ा सरबराह की जा रही थी और दिन के औक़ात में सिर्फ दो घंटे बर्क़ी (बिजली ) सरबराह की जा रही थी ।

ताहम अब सूरत-ए-हाल में बेहतरी के बाद गावों के घरेलू सारफ़ीन के इलावा छोटे पैमाने की सनअतों (कारखानो) के लिए बर्क़ी (बिजली ) की कटौती का सिलसिला रोक दिया गया है और सिर्फ बड़े पैमाने की सनअतों (कारखानो) के लिए कटौती का सिलसिला जारी है । बड़े पैमाने की सनअतों (कारखानो) की तलब (डिमांड) ज़्यादा होने की वजह से यहां कटौती का सिलसिला जारी है ताहम अगर बारिश का बरवक़्त आग़ाज़ होजाए तो फिर बड़ी सनअतों (कारखानो) के लिए भी कटौती का सिलसिला ख़त्म होसकता है ।

बारिश आंधरा प्रदेश में जून के पहले हफ़्ते में शुरू हो सती है कियूं के जुनूब मग़रिबी मानसून 30 यह 31 मई को साहिल केराला से टकरा सकता है । सरकारी ज़राए ने ताहम बताया कि हालाँकि अवाम को बर्क़ी (बिजली ) कटौती से राहत मिल सकती है लेकिन उन्हें बर्क़ी (बिजली ) बिलों का झटका लगेगा कियूं के जारीया माह से बर्क़ी (बिजली ) शरहों में इज़ाफ़ा पर इतलाक़ (अमल)हो गया है और अवाम को तक़रीबन दोगुना बिल अदा करना पड़ सकता है ।