रियासत में सदर राज और असेंबली चुनाव में ताख़ीर का इमकान

रियासत के दोनों इलाक़ों में सूरत-ए-हाल गैर यक़ीनी बनी हुई है जबकि कांग्रेस ने रियासत की तक़सीम के ख़िलाफ़ बतौरे एहतेजाज चीफ मिनिस्टर की हैसियत से किरण कुमार रेड्डी के मुस्ताफ़ी होजाने के बाद आंध्र प्रदेश में सदर राज के नफ़ाज़ के इमकानात को मुस्तर्द नहीं किया है।

साथ ही मर्कज़ी इलेक्शन कमीशन के ज़राए ने भी इशारा दिया हैके आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पारलीमानी चुनाव के साथ ही असेंबली चुनाव के इनइक़ाद का इमकान कम ही है।

कुल हिंद कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी-ओ-आंध्र प्रदेश में कांग्रेस उमूर के निगरान दिगविजय सिंह ने किरण कुमार रेड्डी के जानशीन के इंतिख़ाब के मुआमला में भी किसी तरह का इज़हार ख़्याल करने से गुरेज़ किया है।

उन्होंने नामा निगारों से बात चीत के दौरान इस पर कि आया रियासत में सदर राज नाफ़िज़ किया जा सकता है ? कहा कि कुछ भी ख़ारिज अज़ इमकान नहीं है। इस सवाल पर कि किरण कुमार रेड्डी का जानशीन कौन होगा उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में तबादला ख़्याल किया जा रहा है और बहुत जल्द इस ताल्लुक़ से मालूम होजाएगा।

उन्होंने कहा कि चूँकि मार्च के पहले हफ़्ते से ही ज़ाबता अख़लाक़ नाफ़िज़ होसकता है इसे में ये सवाल पैदा होता है कि आया नई हुकूमत अगर क़ायम की जाये तो क्या इस के पास काम करने के लिए मुनासिब-ए-वक़्त होगा।

दिलचस्प बात ये हैके सिंह ने किरण कुमार रेड्डी का कांग्रेस में भी ख़ैर मुक़द्दम किया है और कहा कि उन्हें कांग्रेस से ख़ारिज नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि जहां तक किरण कुमार रेड्डी का सवाल है उन्हें ख़ारिज नहीं किया गया है। उन्होंने रज़ाकाराना तौर पर स्तीफ़ा दिया है । उनकी कांग्रेस में वापसी का ख़ैर मुक़द्दम किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस से जिन छः अरकाने पार्लियामेंट को ख़ारिज किया गया है अगर वो पार्टी में वापिस होना चाहते हैं तो उनके मसले पर भी हमदर्दी से ग़ौर किया जाएगा।

इस दौरान कांग्रेस तर्जुमान अभीशेक सिंघवी ने कहा कि सियासत और हुक्मरानी में किसी ख़ला को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जब उन से सवाल किया गया कि आया कांग्रेस पार्टी रियासत में सदर राज नाफ़िज़ करना चाहती है यह कोई और इमकान है उन्होंने कहा कि आप चाहे उसे कारगुज़ार कहीं यह सदर राज कहीं यह कोई नई हुकूमत का नाम दिया जाये हुक्मरानी चलती रहती है।

उन्होंने कहा कि दस्तूर के मुताबिक़ जो कुछ भी मुनासिब होगा वो किया जाएगा। ये फ़ार्मूला आंध्र प्रदेश के लिए भी होगा और दिल्ली के लिए भी। इस दौरान ये बात वाज़िह होती जा रही हैके तेलंगाना रियासत और आंध्र प्रदेश में असेंबली चुनाव लोक सभा के साथ बैक वक़्त मुनाक़िद करने शायद मुश्किल होंगे।

सरकारी ज़राए ने कहा कि आंध्र प्रदेश की तक़सीम का अमल मुकम्मिल होने के लिए कम अज़ कम तीनता चार माह का वक़्त दरकार होगा जैसा कि उतरखनड छत्तीसगढ़ और झारखंड की तशकील के वक़्त हुआ था।

इसे में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में असेंबली चुनाव का आम चुनाव के साथ बैक वक़्त इनइक़ाद मुम्किन नहीं होसकेगा। लोक सभा के चुनाव इमकान है कि गैर मुनक़सिम आंध्र प्रदेश के ख़ुतूत पर ही सारे मुल्क के साथ होसकते हैं।

ताहम इस सिलसिले में इलेक्शन कमीशन की तरफ से कोई फैसला मर्कज़ी हुकूमत के साथ मुशावरत के ज़रीये किया जाएगा। गैर मुनक़सिम आंध्र प्रदेश में लोक सभा की 42 नशिस्तें हैं जिन में 25 नशिस्तें सीमांध्र इलाके में और 17 तेलंगाना में हैं।

तक़सीम के बाद आंध्र प्रदेश में असेंबली की 175 और तेलंगाना में 119 नशिस्तें होंगी। ये इमकान ज़ाहिर किया जा रहा है कि जब तक तक़सीम रियासत के तमाम अमल को मुकम्मिल करते हुए दो रियासतें क़ायम नहीं हो जातीं उस वक़्त तक आंध्र प्रदेश को सदर राज के तहत करदिया जाएगा जैसा कि गवर्नर ई एस एल नरसिम्हन ने सिफ़ारिश की है क्यूंकि चीफ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने स्तीफ़ा पेश करदिया है।

इस बात का इमकान कम ही ज़ाहिर किया जा रहा है कि पिछ्ले दस साल से रियासत में हुक्मरानी करनेवाली कांग्रेस किरण कुमार रेड्डी के जानशीन की हैसियत से किसी और लीडर का इंतिख़ाब करेगी।

किरण कुमार रेड्डी असेंबली की रुक्नीत और कांग्रेस पार्टी दोनों ही से मुस्ताफ़ी होचुके हैं। ये इमकान ज़ाहिर किया जा रहा है कि रियासत में सदर राज नाफ़िज़ करने के ताल्लुक़ से कोई फैसला मर्कज़ी काबीना के आइन्दा मीटिंग में किया जाएगा।

मुल्क की 29 वीं रियासत तेलंगाना की तशकील के बिल को लोक सभा में 19 फ़बरोरी को मंज़ूरी दी गई जबकि दूसरे दिन राज्य सभा में मंज़ूरी मिली।