रियासत में 2066-11 के दरमियान सरकारी अराजियात का गैर कानूनी अलॉटमेंट

आंधरा प्रदेश में कांग्रेस हुकूमत की जानिब से 2006 से 2011 के दौरान मुख़्तलिफ़ कंपनियों को गैरकानूनी तौर पर अलॉट करदा आराज़ीयात के बाइस सरकारी ख़ज़ाना को कई हज़ार करोड़ रुपये का नुक़्सान हुआ है । कमपेटरोलर-ओ-आडीटर जनरल की रिपोर्ट में आज ये इन्किशाफ़ किया गया । आंधरा प्रदेश हुकूमत की जानिब से साल 2006 से 2011 के दरमियान जो आराज़ीयात अलॉट की गएं या मुख़तस की गएं इन में संगीन बे क़ाईदगीयाँ हैं और ये सब कुछ अढाक बुनियादों पर ग़लत अंदाज़ में रियासत के समाजी और मआशी मफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ किए बगैर किया गया ।

ये अलॉटमेंट्स ख़ानगी अफ़राद और कंपनियों को इंतिहाई कम कीमतों पर किए गए थे कमपेटरोलर एंड आडीटर जनरल की रिपोर्ट में ये इन्किशाफ़ात हुए हैं और ये रिपोर्ट आज असेंबली में पेश की गई । इन आराज़ीयात में बेशतर अलॉटमेंट्स आँजहानी चीफ मिनिस्टर डाक्टर वाई एस राज शेखर रेड्डी के दौर में की गएं जो साल 2004 से 2009 के दरमियान रियासत के चीफ मिनिस्टर रहे। अराज़ी अलाटमेंट के कई मुआमलात में रियासती हुकूमत ने मुरव्वजा तरीका कार से सिर्फ नज़र किया और मआशी उमूर की संगीन ख़िलाफ़ वरज़ीयां की गई हैं।

ऑडिट रिपोर्ट में ये इन्किशाफ़ किया गया है कि जिस कीमत पर अराज़ी अलॉट की गई और इस वक़्त जो मार्किट कीमत थी या मुताल्लिक़ा ज़िला कलक्टर की क़ियादत वाली बा इख़तियारी कमेटी की सिफ़ारिश करदा कीमत को नज़र अंदाज कर दिया गया इस के नतीजा में सरकारी ख़ज़ाना को 1784 करोड़ रुपये का ख़सारा हुआ है । साल 2006 से 2011 के दरमियान रियासती हुकूमत ने तक़रीबन 1,027 इस्तिफ़ादा कुनिन्दगान में 88,492 अकऱ् आराज़ीयात अलॉट की हैं ।

जिन 11 अज़ला का रिपोर्ट में तज़किरा किया गया है वहां 459 अराज़ियात अलॉट की गएं जो जुमला 50,285.90 अकऱ् होती हैं। इन के मिनजुमला 409 अलॉटमेंट्स का इस रिपोर्ट में ऑडिट शामिल है । रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑडिट में पता चला है कि तिजारती मक़ासिद केलिए जो आराज़ीयात अलॉट की गएं इस में आज़ादाना इस्तिक़लाल और शफ़्फ़ाफ़ अंदाज़ इख़तियार नहीं किया गया ।

आडीटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हुकूमत ने अभी तक 60 मुआमलात में जो ग्यारह अज़ला में हैं अभी तक अराज़ी की कीमत मुक़र्रर नहीं की है जिस के नतीजा में रियासत को जुमला 2,559 करोड़ रुपये वसूल तलब हैं। ये पहली मर्तबा है कि कमपेटरोलर एंड आडीटर जनरल की जानिब से आंधरा प्रदेश में ज़िम्मे नात के अलॉटमेंट् पर जामि तिनके ही रिपोर्ट तय्यारकी है जबकि वाई एस आर हुकूमत के इक़दामात हनूज़ बड़े स्केंडल और तनाज़आत क मौज़ू बने हुए हैं।

सी ए जी के अख़ज़ करदा नताइज में साबिक़ वज़ीर कर्नाटक मिस्टर गाली जनार्धन रेड्डी के बिज़नस वेंचर्स, ज़िला अनंत पर मैं मुजव्वज़ा लपाकशी नॉलिज हब और वनपक पोर्ट पराजकट को हज़ारों एकड़ अराज़ी का अलॉटमेंट् है और इत्तिफ़ाक़ से उन तमाम की सी बी आई की जानिब से वाई एस आर के फ़र्ज़ंद-ओ-रुक्न पार्ल्यमंट कड़पा मिस्टर वाई एस जगन रेड्डी की जानिब से जमा करदा गैर मह्सूब दौलत के ज़िमन में तहकीकात की जा रही है।

इस तरह कमपटरोलर एंड आडीटर जनरल ने एक तरह से ज़मीनात के अलॉटमेंट् में क़वाइद की सरिया ख़िलाफ़वरज़ी से मुताल्लिक़ तमाम अपोज़ीशन पार्टियों की जानिब से इल्ज़ामात की तौसीक़ करदी है। कड़पा में जमाल मडगो में 3,115.64 एकड़ रकबा की अराज़ी ब्रहमनी इंडस्ट्रीज़ लिमेटेड को कमर्शियल ए रिपोर्ट और फ़्लाईंग एकेडेमी के क़ियाम केलिए अलॉट की गएं,

जिस में इस पराजकट की अमल पज़ीरी का ख़्याल तक नहीं रखा गया है और ना ही ये देखा गया कि कड़पा ए रिपोर्ट सिर्फ़ 50 कीलोमीटर के फ़ासिला पर है। ब्रहमनी इंडस्ट्रीज़ को अलॉटमेंट् का फैसला वाई एस आर के दौर में काबीना ने किया था हालाँकि सी सी अल ए ने तमाम तफ़सीलात को पेश कर दिया था जिस ने एक ही इलाक़ा में दूसरे अर पोर्ट के क़ियाम पर हुकूमत को इंतिबाह दिया था।

बी आई अल को सरकारी ज़मीन की हवालगी तमाम मुरव्वजा क़वाइद के मुग़ाइर रही। इसी पर इकतिफ़ा नहीं किया गया बल्कि मज़ीद 10,760.66 एकड़ अराज़ी इसी मंडल में ब्रहमनी इंडस्ट्रीज़ को ग्रीन फील्ड इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट केलिए अलॉट की गई, जिस में पानी ज़ख़ाइरकी 674.58 एकड़ अराज़ी का गैरकानूनी अलॉटमेंट् भी है। गाली जनार्धन रेड्डी की ओबला पोरम माइनिंग कंपनी से मुबय्यना तौर मुआवनत की गई।

ओ एम सी के गैरकानूनी क़बज़ा करदा अराज़ी उसको अलॉट करनेकी दरख़ास्त को ज़िला कुलैक्टर ने मुस्तर्द कर दिया थाताहम कोई माक़ूल वजह बताए बगैर एक माह के अंदर ही कलक्टर ने 413.81 एकड़ अराज़ी को अलॉट करने अपना फैसला बदल दिया। एक और केस में ए पी आई आई सी ने अनंत पर ज़िला में लपाकशी नॉलिज हब लिमेटेड को 8844.01 एकड़ अराज़ी डेवलपर की जानिब से दरकार इनफ़रास्ट्रक्चर की फ़राहमी के बगैर फ़रोख़त करदी।

सी ए जी ने निशानदेही की कि यहां पर ना ही कोई सन अत क़ायम की गई और ना रोज़गार फ़राहम किया गया। कंपनी ने 4,397 अराज़ी 790 करोड़ रुपये में गिरवी रख दी। हुकूमत को मामड़ी पली मौज़ा ज़िला रंगा रेड्डी में 881.32 एकड़ अराज़ी हवाला करते हुए 874.03 करोड़ रुपये के ख़सारा से दो-चार हुई है। इसी तरह हुकूमत ने जॉर्जिया इंस्टीट्यूट को इंतिहाई कम दामों में ज़मीन अलॉट की और इस ने भी बैंक से क़र्ज़ा जात हासिल कर लिए और आज इसइदारा का अता पता मालूम नहीं।