दुनिया के हर ख़ित्ता ( हिस्से) में मौजूद स्कूल्स, कालेज्स और यूनीवर्सिटीयों में ऐसे कम ही लोग होंगे जो तालीमी शोबा में रियाज़ी जैसे मज़मून को आसान समझते हों । इस बात को आसान तरीक़े से समझाने केलिए एक रिटायर्ड प्रोफेसर ने बेड़ा उठाया है।
पंजाब से ताल्लुक़ रखने वाले प्रोफेसर हिंदूस्तान के दस शहरों का दौरा करेंगे और अपने मुनफ़रद अंदाज़ में रियाज़ी जैसे मुश्किल समझे जाने वाले मज़मून को भी अनोखे और मज़ाहीया अंदाज़ में लोगों को ज़हन नशीन करवायेंगे।
कानपूर और भोपाल में वाक़्य ( मौजूद) मुतअद्दिद ( कुछ) यूनीवर्सिटीयों और दीगर ( दूसरे) तालीमी इदारों ( संस्थाओ) से वाबस्ता ( संबंधित) तलबा छात्रों) और असातिज़ा ( गुरुजन) से तबादला-ए-ख़्याल करने के बाद 70 साला रिटायर्ड प्रोफेसर मदनलाल बलदेव राज घई अब अपने 50 रोज़ा दौरा के दौरान कोलकता में हैं।
मिस्टर मदनलाल एक माहिर रियाज़ी दां हैं और साथ ही साथ एक एन जी ओ भी चलाते हैं। यही नहीं बल्कि उन्होंने रूहानियत के मौज़ू पर कई किताबें भी तहरीर की हैं। उन्होंने यक्म जून को अपने इस अनोखे और मुनफ़रद सफ़र का आग़ाज़ ( शुरुआत) किया ताकि रियाज़ी जैसे मज़मून को तलबा ( छात्रों) के लिए आसान तर बनाया जा सके।
याद रहे कि तलबा की अक्सरीयत ( Students Majority) रियाज़ी जैसे मज़मून से ख़ौफ़ज़दा रहती है। मिस्टर मदनलाल कोलकता के इलावा राय[पुर, विशाखापटनम, सूरत, जयपुर, दिल्ली, नोएडा और करोकीशतर का दौरा भी करेंगे। यहां इस बात का तज़किरा दिलचस्पी से ख़ाली ना होगा कि 70साल की उम्र के बावजूद मिस्टर मदनलाल रियाज़ी मज़मून से पी एच डी कर रहे हैं जिस का मक़ाला ( निबंध) वो पटियाला में वाक़्य ( मौजूद) पंजाब यूनीवर्सिटी को पेश करेंगे।
मिस्टर मदनलाल ने कोलकता में कुछ स्कूलों और यूनीवर्सिटीयों के शोबा रियाज़ी ( गणित) का इंतिख़ाब किया है जहां वो रियाज़ी मज़मून ( गणित विषय) को आसान तरीन अंदाज़ में पेश करेंगे। अपनी पूरी ज़िंदगी मिस्टर मदनलाल रियाज़ी ( गणित) के ज़ेर-एअसर ( प्रभावित) रहे और इनका पसंदीदा मज़मून ( निबंध) रहा। गुज़श्ता 41साल से वो यही मज़मून ( निबंध)पढ़ा रहे हैं और हाल ही में जिस वक़्त वो सबकदोश ( Retirement) हुए, उस वक़्त वो पटियाला के पी एम एन कालेज में शोबा रियाज़ी ( गणित) के सरबराह ( Head) थे।