सऊदी अरब के दारुल ख़िलाफ़ा रियाज़ के शहरियों का 48 फ़ीसद ऐसे अफ़राद पर मुश्तमिल है जिन के ज़ाती मकानात हैं सुप्रीम कमीशन ऑफ़ रियाज़ डेवलप्मेन्ट की जानिब से तैयार की गई एक रिपोर्ट में ये बात बताई गई।
शहर का तकरीबन हर ख़ानदान इस बात का एतराफ़ करता है कि उन्हें पीने के पानी की सहूलियात मयस्सर हैं। अलबत्ता शहर की आबादी का निस्फ़ हिस्सा ऐसा भी है जिन की ये शिकायत है कि उन का ड्रेनेज निज़ाम नाक़ुस है।
शहर की 70 फ़ीसद आबादी का तजज़िया करने के बाद ये मालूम हुआ कि रियाज़ में म्यारे ज़िंदगी में गुज़िश्ता पाँच सालों के दौरान बेहतरी पैदा हुई जबकि दो तिहाई आबादी शहर के तालीमी निज़ाम से भी मुतमइन है।