सी पी आई (एम) ने आज दावा किया है कि मुल्क के सब से बड़े कॉरपोरेट इदारा की हुक्मउदूली की क़ीमत जयपाल रेड्डी को चुकानी पड़ी और उन्हें वज़ारत पैट्रोलीयम से हटा दिया गया। इस से वुज़रा के इंतिख़ाब में सनअती घरानों का असर-ओ-रसूख़ बेनकाब होगया है।
सीनीयर पार्टी लीडर सीताराम येचूरी ने कहा कि काबीनी रद्दोबदल के ज़रिये कलीदी वज़ारतों पर ऐसे लोगो को फ़ाइज़ किया गया है जो कॉरपोरेट मफ़ादात के तहफ़्फ़ुज़ के पाबंद हैं और जो ऐसी आज़ादाना पालिसियों को इख़तियार करने तैय्यार हैं जिस के लिए वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ख़ुद पाबंद हैं।
इस पस-ए-मंज़र में उन्होंने बाअज़ वुज़रा के नाम भी लिए जिन्हें कलीदी मआशी क़लमदान तफ़वीज़ किए गए हैं और उन्होंने कहा कि ये तमाम कॉरपोरेट मफ़ादात की नुमाइंदगी करते हैं। सीताराम येचूरी ने कहा कि मुल्क के सब से बड़े कॉरपोरेट इदारा की हिदायत को तस्लीम ना करने की क़ीमत जयपाल रेड्डी को अदा करनी पड़ी।
उन्होंने बताया कि काबीनी रद्दोबदल और बिलख़सूस वुज़रा के तक़र्रुर में तिजारती घरानों के असर-ओ-रसूख़ का बख़ूबी अंदाज़ा किया जा सकता है। अरविंद केजरीवाल की ज़ेर-ए-क़ियादत इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने कल ये इल्ज़ाम लगाया था कि रिलाइंस इंडस्ट्रीज़ के दबाओ की वजह से जयपाल रेड्डी को वज़ारत से पैट्रोलीयम से हटाने का फ़ैसला किया गया।
सीताराम यचूरी ने पार्टी के तर्जुमान पीपल्ज़ डेमोक्रेसी के ईदारिए में लिखा कि काबीनी रद्दोबदल में एक और ख़ुसूसीयत ये भी देखी गई कि कांग्रेस ने करप्शन के इल्ज़ामात को भी नजरअंदाज़ कर दिया। इस के अलावा अब यू पी ए हुकूमत कांग्रेस वज़ारत का तसल्लुत रखने वाली होगई है।
इस रद्दोबदल ने ताजिर, सियासतदां, अफस्रर शाही गठजोड़ का सबूत फ़राहम किया है, क्योंकि मनमोहन सिंह सदर हुकूमत में सिर्फ़ यही लोग हक़ीक़ी फ़ायदा हासिल कररहे हैं। बड़े सनअती इदारों को ज़्यादा रियायतें और आम आदमी पर कमरतोड़ महंगाई का बोझ आइद करना और इस के अलावा करप्ट मुआमलतें इस हुकूमत की ख़ुसूसीयात हैं।