रिलायंस और आइडिया ‘ट्रेड प्रेक्टिस’ के दोषी पाये गये, लगा जुर्माना

नई दिल्ली। मोबाइल नैटवर्क पोर्टेबिलिटी की सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कस्टमर का सैलफोन कनैक्शन बंद करने के मामले में डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और आइडिया सैल्युलर लि. को सेवा में खामी यानी कि अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस का दोषी पाया है।

फोरम ने सिक्योरिटी मनी 300 रुपए वापस लौटाने के साथ-साथ दोनों कंपनियों को ग्राहक को हुई मानसिक परेशानी के लिए 2500-2500 रुपए का हर्जाना देने के निर्देश भी दिए हैं।

नयागांव के अवतार सिंह के पास रिलायंस कम्युनिकेशन का एक मोबाइल कनैक्शन था। उन्होंने मोबाइल कनैक्शन लेते समय 300 रुपए सिक्योरिटी मनी भी डिपॉजिट करवाई थी। रिलायंस कम्युनिकेशन का सिम इस्तेमाल करते वक्त उन्हें नैटवर्क और इंटरनैट स्पीड को लेकर दिक्कत आई थी।

इसके बाद उन्होंने अपना नंबर आइडिया सैल्युलर में पोर्ट करवा लिया था। पोर्ट करवाने के बाद अवतार ने रिलायंस कम्युनिकेशन से सिक्योरिटी रिफंड करने को कहा लेकिन कंपनी ने शिकायतकत्र्ता की सिक्योरिटी मनी देने से इन्कार ही कर दिया।

इसके बाद आइडिया ने उनको 350 रुपए का एक और बिल भेज दिया। यह कहते हुए कि उन पर रिलायंस का कुछ बकाया बनता था, जो उन्होंने अदा ही नहीं किया था जिस पर आइडिया ने नंबर उन्हें बिना बताए बंद कर दिया।

इस पर आइडिया ने कहा कि उन्हें रिलायंस की तरफ से रिक्वैस्ट आई थी कि कस्टमर की कुछ रकम बकाया है जो वह भुगतान नहीं कर रहे हैं।