दलमा के आसपास के 51 मौजा के 136 गांवों को इको सेंसिटिव जोन में रखने के मुखालिफत में दलमा इलाक़े के ग्राम सभा सुरक्षा समिति के बैनर तले जुटे जमशेदपुर, पटमदा, बोड़ाम, चांडिल और नीमडीह ब्लॉक के हजारों आदिवासी मूलवासियों ने रिवायती असलाह से लैस होकर डीसी दफ्तर का घेराव कर मुजाहिरा किया।
मुजहेदीन में ख़वातीन की भी खासी तादाद थी। मुखतलिफ़ ग्राम सभाओं के लोग अपने-अपने बैनर उठाए हुए थे जिसमें उनकी ग्राम सभा का नाम लिखा था। ये लोग नारे लगा रहे थे कि न लोकसभा न विधानसभा, सबसे ऊंची ग्राम सभा। लोगों ने 51 मौजा के 136 गांवों को इको सेंसिटिव जोन से निकालने की मांग की। मुजाहेरा में एमपी विद्युत वरण महतो के अलावा एमएलए चंपई सोरेन, साबिक़ एमएलए रामदास सोरेन, दुलाल भुइया, जिला कोनसिल की सदर सोनिया सामंत वगैरह लीडर भी शामिल थे।
मुजाहेदीन की तादाद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रिवायती असलाह से लैस लोग जुबिली पार्क चौराहे से लेकर डीसी दफ्तर के गेट के आगे तक सड़क पर बैठे थे। आदिवासियों ने तकरीबन पौने एक बजे जुबिली पार्क चौराहा जाम कर दिया। जुबिली पार्क का गेट बंद कर ट्राफीक ठप कर दिया गया। इसी तरह जुबिली पार्क चौराहे से रेडक्रास जाने वाली रोड, साकची बंगाल क्लब जाने वाली रोड, टैगोर सोसायटी जाने वाली रोड और पुराना कोर्ट के करीब मानगो पंप हाउस जाने वाली रोड ब्लाक कर दी गई।
इससे आने-जाने वालों को काफी परेशानी हुई। सड़कें शाम सवा चार बजे तक जाम रहीं। घेराव और धरना तब खत्म हुआ जब डीसी डा. अमिताभ कौशल डीडीसी, एसडीओ, सिटी एसपी कार्तिक एस और डीएसपी के साथ मेमोरेंडम लेने खुद धरना पर पहुंचे और कमेटी के प्रदीप बेसरा के हाथों उनका मेमोरेंडम लेने के बाद माइक से एलान किया कि वह उनके मेमोरेंडम को मरकज़ी हुकूमत तक पहुंचा देंगे।