अमन का पैगाम लेकर यहां आए पाकिस्तान के वज़ीर ए आज़म नवाज शरीफ ने आज कहा कि कि उनका इरादा हिंदुस्तान के नए लीडर नरेंद्र मोदी के साथ रिश्तों की डोर को वहीं से पकडने की है जहां उन्होंने और उस वक्त के वज़ीर ए आज़म अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में छोडी थी। पीर की सुबह शरीफ लाहौर से यहां पहुंचे थे।
लाहौर से हिंदुस्तान के लिए रवाना होने के दौरान शरीफ ने कहा कि वह “अमन के पैगाम” के साथ जा रहे हैं। शरीफ बतौर वज़ीर ए आज़म मोदी के हलफ बरदारी की तकरीब में हिस्सा लेने के लिए यहां आए हैं और रात में यहीं ठहरेंगे।
बाद में यहां बातचीत में पाकिस्तान के वज़ीर ए आज़म ने कहा कि दोनों हाकिमो के पास मजबूत आवामी फैसला है और यह “हमारे ताल्लुकात में नया बाब ( सबजेक्ट) खोलने में” मदद कर सकता है। शरीफ की मोदी के साथ कल दो तरफा बैठक होगी जिसमें दोनों पार्टियो की बढ़ाने पर बहस करने की उम्मीद है।
एनडीटीवी के मुताबिक उन्होंने कहा कि,”यह इसी भाजपा के पीएम वाजपेयी थे जिनके लिए मेरे मन में ज़बसे ज़्यादा एहतेराम है। मेरा इरादा डोर को वहीं से पकडने की है जहां वाजपेयी और मैंने 1999 में छोडी थी।”
शरीफ ने कहा कि यह एक-दूसरे तक पहुंचने का मौका है। साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी दो मुल्क ऐसे नहीं हैं जिनके बीच हिंदुस्तान और पाकिस्तान जैसे शकाफती और रिवायती मिलान एक जैसे हो।
उन्होंने कहा कि, “क्यों न हम इन को अपनी ताकत में बदलें। मैं श्री मोदी से मिलने के लिये काफी बेचैन हूं। हमें एक-दूसरे की तरफ से डर, गैर यकीनी और शक को दूर करना चाहिए।” शरीफ ने कहा कि दोनों मुल्को के इलाके को अदम इस्तेहकाम और अदम तहफ्फुज़ से छुटकारा हासिल दिलाना चाहिए, जो इसे दहो से शिकार किए रहा है। शरीफ के दौरे को यहां सियासी मुबस्सिर अहम मान रहे हैं। पाकिस्तान में बुनियादपरस्त अनासिर ने मोदी के दावत पर शरीफ की ओर से मुसबत जवाब ज़ाहिर किए जाने पर नाखुशी जताई है।
ज़राये ने कहा कि यह उम्मीद है कि पाकिस्तानी लीडर भी मोदी को पाकिस्तान आने की दावत देंगे। सफर के दौरान कोई कामयाबी मिलने की उम्मीद नहीं है लेकिन यह दोनों लीडरों को ज़ाती ताल्लुकात बनाने का मौका देगा जो तनाव घटाने में मदद कर सकता है।