रिश्वत देने वाले शख़्स को 6 महीना की सज़ा, अदालत का अनूठा फ़ैसला

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश की एक अदालत ने रिश्वत देने वाले शख़्स को सज़ा सुनाते हुए कहा कि शिकायत के वक़्त शिकायतकर्ता जो जो स्टैंड लेते हुए उसे जांच पूरी होने तक इसी स्टैंड पर क़ायम रहना चाहिए।

ए पी के ज़िला गुंटूर के रीप्ले के एक व्यापारी रामा लंगेशव‌र राव ने कमर्शियल टेक्स डिपार्टमेंट के दो अफ़िसरों के ख़िलाफ़ स्टेट्मेंट‌ सर्टीफिकट के लिए रिश्वत हासिल‌ करने की ए सी बी से साल 1993 से शिकायत की थी। ए सी बी के अफ़िसरों ने अस्सिटैंट कमर्शियल टेक्स ऑफीसर और सीनियर अस्सिटैंट को 4 हज़ार रुपय लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया था।

इस मामले की सुंवाई अदालत में जारी थी। शिकायतकर्ता ने सुंवाई के दौरान अदालत में रिश्वत की रक़म देने की बात क़बूल नहीं की और शिकायतकर्ता होते हुए जिन अफ़िसरों पर इल्ज़ाम है इन ही की साथ दिया जिस पर विजय‌वाड़ा के थर्ड म्यूनसिंपल मजिस्ट्रेट ने शिकायत कर्ता रामा लंगेशोरराव को 6 महिने की जेल की सज़ा सुनाई और पाँच हज़ार रुपय जुर्माना किया और अफ़िसरों को बे क़सूर क़रार दिया।

ये फ़ैसला पिछले महीना की 20 तारीख़ को सुनाया गया है। समझा जाता है की ये अनूठा निर्णय है जिसमें शिकायत से मुकर जाने वाले शख़्स को अदालत ने सज़ा सुनाई।