उड़ीशा में माविस्टों के ज़रीया बी जे डी एम एल ए जनिया हक्का का के अग़वा के बाद इनकी रिहाई के लिए माविस्टों को हुकूमत ने हालाँकि मदऊ किया है और इसको भी तीन दिन का अर्सा हो चुका है। वहीं माविस्टों की ताईद वाली चासी मोलिया अदीवासी सिंह ने आज एक अहम ब्यान देते हुए कहा कि हुकूमत के साथ बातचीत ज़रूर हो सकती है बशर्ते कि उनकी कुछ शराइत को मंज़ूर किया जाए।
सिंह के सदर ना चीका लंगा लंगा जो 2009 से फ़रार बताए गए हैं, ने ज़राए इबलाग़ को एक ब्यान देते हुए कहा कि इनके ख़िलाफ़ तमाम मुआमलात से दसतबरदारी इख्तेयार की जाए और सिंह के तमाम ऐसे अरकान जो जेलों की सज़ा-ए-काट रहे हैं, उन्हें रिहा किया जाए और माविस्टों के ख़िलाफ़ की जाने वाली कार्यवाईयों को फ़ौरी तौर पर मस्दूद किया जाए। ये इल्ज़ाम आइद करते हुए कहा कि सिंह के बेशतर अरकान पर ग़लत इल्ज़ामात आइद करते हुए उन्हें कोरापुट जेल में ठोंस दिया गया है।
लिहाज़ा लंगा के मुताबिक़ अगर इन की शराइत को मंज़ूर किया गया तो सिंह जनिया हक्का का की रिहाई के लिए होने वाली बातचीत में सालस के फ़राइज़ अंजाम देने तैयार है, जिन्हें 24 मार्च को अग़वा किया गया था। अपनी बात जारी रखते हुए लंगा ने कहा कि सिंह के मुतालिबात तस्लीम किए जाने के बाद सिंह इस मुआमला पर मुख़्तलिफ़ कबायली ग्रुप के साथ तबादला-ए-ख़्याल करेगी, जिसमें नयाम गेरी सर ख़ुशा परिषद, माली परतब सर ख़ुशा परिषद, मौका डोरा और कोन्डा रेड्डी के नाम काबिल-ए-ज़िकर हैं।
रियास्ती हुकूमत ने लंगा के मुतालिबात पर अब तक कोई मुसबत या मनफ़ी इशारा नहीं दिया है।