रिज़र्व बैंक को अवाम पर तवज्जा दीनी चाहीए: सुबह राव‌

हैदराबाद 01 अप्रैल: रिज़र्व बैंक आफ़ इंडिया (आरबीआई) को ग़रीब अवाम की आवाज़ पर तवज्जा दीनी चाहीए जो इफ़रात-ए-ज़र से बुरी तरह मुतास्सिर हो रहे हैं।

साबिक़ गवर्नर डी सुबह राव‌ ने ये बात कही और बताया कि शरह सूद में कमी, सरमायाकारी में इज़ाफे का वाहिद हल नहीं है। सुबह राव‌ 2008 ता 2013 आरबीआई के ज़िम्मेदार थे। उन्होंने कहा कि हर पालिसी पर नज़र-ए-सानी से पहले आरबीआई फ़रीक़ैन जैसे कॉरपोरेट लीडर्स, बैंक्स, एनबीएफ़सी, मआशी शोबे के शुरका, मआशी फाइनेंसियल मार्किट और मआशी तजज़िया निगारों से मुशावरत करता है। उनकी राय हासिल की जाती है लेकिन उन्होंने ये इशारा दिया कि ग़रीब अवाम की बात को बिलकुल नहीं सुना जाता। उनकी मीयाद के दौरान 25 सरकरदा कॉरपोरेट लीडर्स के साथ मुलाक़ात की याद ताज़ा करते हुए सुबह राव‌ ने कहा कि जब उन्होंने कहा था कि शरह सूद में कमी करेंगे तो आप में से कितने अंदरून तीन माह सरमायाकारी से मुताल्लिक़ फ़ैसला करने वाले हैं, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि इस का ये मतलब नहीं कि वो ग़लत थे, बल्कि वो वाज़िह करना चाहते हैं कि सरमायाकारी में इज़ाफे का हल शरह सूद में कमी नहीं है। इस मुआमले में दूसरी रुकावटें भी हैं। सुबह राव‌ सरकरदा रिज़र्व बैंक आफ़ इंडिया चलेंजस और मवाक़े पर आठवीं बी एल महेश्वरी मैमोरियल लेक्चर दे रहे थे।