मुल्क इंतेहाई नाज़ुक मआशी हालात से गुज़र रहा है, एसे में मर्कज़ी हुकूमत की तरफ से इख़तियार करदा ख़ामोशी क़ाबिल-ए-मज़म्मत है।
सदर तेलुगूदेशम एन चन्द्रबाबू नायडू ने रुपये की घटती हुई क़दर पर मर्कज़ की ख़ामोशी को इंतेहाई अफ़सोसनाक क़रार देते हुए वज़ीर-ए-आज़म डक्टर मनमोहन सिंह को सख़्त तन्क़ीद का निशाना बनाया।
उन्होंने बताया कि रुपये की घटती हुई क़दर पर अवाम रद्द-ए-अमल ज़ाहिर कररहे हैं और हालात पर तशवीश का इज़हार कररहे हैं लेकिन वज़ीर-ए-आज़म बहैसीयत माहिर मआशियात भी अब तक ग़ैर ज़िम्मेदाराना रवैया इख़तियार किए हुए हैं।
नायडू ने हुकूमत के ग़लत फ़ैसलों के अलाव बे क़ाईदगियों के सबब इन हालात के पैदा होने का अदा-ए-पेश करते हुए कहा कि घोटालें के फ़रोग़ और काला धन की मुंतक़ली से हुकूमत के गुरेज़ के सबब रुपये की क़ीमत में गिरावट रिकार्ड की जा रही है।
उन्होंने बताया कि आज़ाद हिंदुस्तान की तारीख़ में पहली मर्तबा रुपया इस क़दर निचली सतह पर आचुका है जिस के नताइज अश्या-ए-ज़रुरीया की क़ीमतों पर होने लगे हैं।
नायडू ने यू पी ए हुकूमत पर इल्ज़ाम लागया कि वो सोनीया गांधी के रीमोट पर काम कररही है। उन्होंने सोनीया गांधी को यू पी ए का रीमोट कंट्रोल क़रार देते हुए कहा कि मर्कज़ी हुकूमत आज़ादाना तौर पर कोई भी फ़ैसला करने से क़ासिर है।
उन्होंने हुकूमत की तरफ से रुपये की घटती हुई क़दर पर किए जाने वाले रद्द-ए-अमल को अफ़सोसनाक क़रार देते हुए कहा कि ये दावे किए जा रहे हैंके हुकूमत मआशी इस्लाहात, रास्त बैरूनी सरमाया कारी और दुसरे इक़दामात के ज़रीये रुपये की क़दर को मुस्तहकम बनाने की कोशिश कररही है लेकिन हक़ीक़त में अगर इन दाववें का जायज़ा लिया जाये तो हुकूमत की तरफ से किसी तरह के कोई इक़दामात नहीं किए जा रहे हैं।
नायडू ने बताया कि अगर हुकूमत के दावे दरुस्त हैं तो फिर ये बात श्रम की बाइस है चूँकि मआशी इस्लाहात के बावजूद ये सूरत-ए-हाल पैदा होना इस बात का सबूत हैके मुल्क की हुक्मरानी नाअहलों के हाथों में है।
उन्होंने यू पी ए I और यू पी ए II की कारकर्दगी को एक जुमले में बयान करने का दावा करते हुए कहा कि दो दौर-ए-हुक्मरानी को सिर्फ़ एक जुमले में ये कहते हुए ज़ाहिर किया जा सकता हैके मुल्क का दीवालीया कर दिया जाये।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस की कारकर्दगी का मतलब मुल्क का दीवालीया कर दिया जाये साबित होचुका है। चूँकि ना सिर्फ़ रुपये की क़दर घुट्टी है बल्कि तमाम अश्या-ए-ज़रुरीया की क़ीमतों में बेतहाशा इज़ाफ़ा होचुका है।