ख़लाई मख़लूक़ से मिलना है तो रूस की झील बैकाल चलें। इत्तिलाआत हैं कि वहां दूसरे सय्यारों से ताल्लुक़(संभंध) रखने वाले भी आते हैं झील सैफ अलमलोक पर तो परियां उतरती हैं मगर झील बैकाल के बारे में मुक़ामी तौर पर मशहूर है कि वहां पुरासरार ख़लाई मख़लूक़ की आमद-ओ-रफ़्त रहती है।
इन ख़बरों को जांचने के लिए 50मुहिम जो अफ़राद ने झील बैकाल पर डेरे डाल लिए हैं। उड़न तश्तरियां देखने और ख़लाई मख़लूक़ से मिलने के ख़ाहिशमंद अफ़राद में ख़वातीन भी शामिल हैं। 50लोगों का ये ग्रुप जदीद साईंसी आलात से लैस है जो यूरोप और एशिया के मुख़्तलिफ़ ममालिक में ख़लाई मख़लूक़ को ढ़ूढ़ने की मुहिम पर निकला है। आप भी अगर उड़न तश्तरी देखना चाहते हैं तो झील बैकाल पहुंच जाएं।