चीन और रूस कल से दक्षिण चीन सागर में आठ दिन का संयुक्त नौसेना अभ्यास शुरू कर रहे हैं और यह संपदा से मालामाल सागर पर चीन के ऐतिहासिक दावों को अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण में खारिज होने के बाद यहां किसी देश का पहला युद्धाभ्यास होगा।
दक्षिण चीन सागर में रूस और चीन का पहला नौसैनिक अभ्यास है जो दक्षिण चीन के गुआंगदोंग प्रांत में होगा। रिपोर्टों के अनुसार यह चीन के ‘नाईन डैश लाइन’ से नजदीक नहीं है जिसे हेग की मध्यस्थता अदालत ने जुलाई में खारिज कर दिया था। चीन की नौसेना ने आज एक बयान में कहा कि यह एक ‘‘नियमित’’ युद्धाभ्यास है और किसी दूसरे देश के खिलाफ लक्षित नहीं है।
उल्लेखनीय है कि वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के साथ ही फिलीपीन भी दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों को चुनौती देता है। हेग की मध्यस्थता अदालत ने ‘नाईन डैश लाइन’ में समावेशित चीन के ऐतिहासिक दावों को खारिज कर दिया और साथ ही फिलीपीनी तट से लगे समुद्र के हिस्सों पर फिलीपीन के दावों की पुष्टि की। दक्षिण चीन सागर सामरिक महत्व का सागर है और हर साल इससे हो कर पांच हजार अरब डालर से ज्यादा का कारोबार होता है।
चीन और रूस के बीच का यह संयुक्त नौसैनिक युद्ध अभ्यास अपनी तरह का पांचवा है। इसकी शुरुआत 2012 में शुरू हुआ था। उस साल यह पीत सागर में, 2013 में रूस के तट के निकट सुदूर उत्तर में और 2014 में पूर्वी चीन सागर में हुआ था। पिछले साल यह युद्धाभ्यास दो चरणों में पूरा हुआ। मई में यह भूमध्य सागर में और अगस्त में पीटर द ग्रेट खाड़ी में, क्लर्क केप से निकट समुद्र में और जापान सागर में हुआ।