हैदराबाद के मज़ाफ़ात में रेत की सरबराही में शदीद कमी की वजह से बिल्डर्स और डेवलपर्स परेशान हैं । तवील अर्सा के बाद तामीराती सरगर्मियों का अहया (शरु)-हुआ था लेकिन अब रेत की क़िल्लत से संगीन मसला दरपेश है । कई प्रोजेक्टस तकमील के करीब हैं । रेत की क़िल्लत की वजह से आने वाले महीनों में अपार्टमंट्स की हवालगी का शीडोल बुरी तरह मुतास्सिर होगा ।
आम तौर पर रेत का स्टाक पंद्रह दिन के लिए होता है अगर मुक़र्ररा वक़्त पर रेत की सरबराही ना हुई तो मुक़र्ररा तामीराती काम मुतास्सिर होगा । एक सरसरी अंदाज़ा के मुताबिक़ शहर में 70 ता 80 और मज़ाफ़ात में 250 बड़े रिहायशी और तिजारती प्रोजेक्टस ज़ेर तामीर हैं । अगर हुकूमत ने फ़ौरी मुदाख़िलत ना की तो तामीराती कामों पर मनफ़ी असर पड़ेगा ।
रेत की मामूल की कीमत छः सौ रुपयेता 8 सौ रुपये फ़ी टन है । बिल्डर्स उसे 12 सौ रुपये ता 14 सौ रुपये फ़ी टन खरीदने पर मजबूर हैं । महाराष्ट्रा से रेत दस्तयाब है लेकिन कीमत 2 हज़ार रुपये फ़ी टन है ।।