रेत माफिया से माहौलयात को ख़तरा , साहिली बायो डाय वरसिटी(diversity) को बचाने की ज़रूरत , माहिरीन माहौलयात का बयान।

हैदराबाद /12 अक्टूबर माहिरीन माहौलयात ने रेत की बढ़ती हुई तलब के पेश नज़र माहौलयात को लाहक़ ख़तरात का इंतिबाह(सावधनी) देते हुए अपील की कि हुकूमत को इस शए का मुतबादिल तय्यार करने की ज़रूरत है । रेत माफिया की वजह से हिंदूस्तान का साहिली बायो डाय वरसिटी मुतास्सिर(प्रभावित) हो रहा है ।

रेत का ज़ख़ीरा(भडांऱ) अगर ख़तम हो जाये तो इस से मुख़्तलिफ़(अन्य) माहोलयाती मसाइल(परेशनी) पैदा होंगे ।

तामीरी और तर कियाती सरगर्मियों केलिए मुतबादिल(बदलव) इंतिज़ामात(कार्या) किये जाने चाहीये । रेत माफिया से साहिली बायोडायवरसिटी को लाहक़ ख़तरात पर इज़हार तशवीश करते हुए इन जी ओ ने माहौलयात हर मुनाक़िदा आलमी कान्फ़्रैंस में इज़हार ख़्याल करते हुए कहा कि आर एंड डी को मुतबादिल(बदलव) इक़दामात(कार्या) करने की ज़रूरत है ताकि रेत का मुतबादिल(बदलव) तय्यार किया जा सके ।

मर्कज़ी हुकूमत भी क़ौमी रेत माइनिंग पॉलीसी नाफ़िज़(जारी) कर सकती है । आवाज़ फ़ानडेशन(foundation) की मस समीरा अबदुलअली ने निशानदेही के कि कई मुल्कों में सनअती फुज़ला का क्रेशर इस्तिमाल किया जा रहा है । तामीरात में इसी क्रेशर से मदद ली जा रही है । सड़कें बिछाने के लिए बर्तानिया(देश का नाम) में रेत के बजाय मुतबादिल(बदलवी) शए इस्तिमाल की जा रही है ।

कांच के तकड़ों और मलबे को दुबारा इस्तिमाल के काबिल बनाते हुए रेत का मुतबादिल तय्यार किया जा सकता है और मलबे से होने वाले माहोलयाती ख़तरात भी दूर होंगे । समीरा अली मुंबई की इन जी औज़ की जानिब से नुमाइंदगी कर रही हैं।