नई दिल्ली: “लोगों की सोच का ही नतीजा है कि सेक्स वर्कर के बलात्कार की ताईद की जा रही है।” यह कहना है दिल्ली वुमेंस कमीशन की सदर स्वाती मालिवाल का। उन्होंने ने इस्मतफरोशी / प्रास्टीट्यूशन/ वेश्यावृत्ति को बलात्कार के बराबर बताते हुए वेश्यावृत्ति के तईन समाज की सोच और रवैए की कडी मुजम्मत की है। उन्होंने कहा कि वेश्यावृत्ति समाज पर एक दाग है और इस दाग को हर हाल में खत्म करना होगा।
उन्होंने कहा कि जीबी रोड के रेडलाइट पर हर महीने छह लाख कॉन्डम बांटे जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि छह लाख बार इनका बलात्कार हो रहा है, जिसकी इजाजत हम लोग ही दे रहे हैं।
मालिवाल 22 जुलाई को जीबी रोड पहुंची थीं और वहां पर उन्होंने सेक्स वर्कर्स से बातचीत भी की थी। मंगल के रोज़ पैरवी नामी एक एनजीओ की तरफ से हिंद-नेपाल सरहद पर इंसानी तस्करी और ज़लज़ले के बाद नेपाल मौज़ू पर मुनाकिद सेमिनार में हिस्सा लेने मालीवाल भी पहुंची थीं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इसके आंकडे ज्यादा ही हो सकते हैं, क्योंकि नाबालिग लडकियों के मामले सामने आते ही नहीं हैं।
सबसे हैरान करने वाली बात यह पाई गई कि लोग इसे एक तरह से कुबूल कर रहे हैं।
मालिवाल ने कहा कि जीबी रोड का दौरा करने के बाद मैंने इसके बारे में बहुत सारे लोगों से बात की। लेकिन इस बारे में लोगों का कहना था कि अगर आप रेडलाइट एरिया बंद करवा देती हैं तो बलात्कार बढ जाएंगे। मैं ऐसी ज़हनियत की मुज़म्मत करती हूं।
स्वाती मालिवाल ने समाज की सोच पर फिक्र जताई जो जिस्मफरोशी को खत्म करने की ताईद में नहीं है और तमाम कोशिशों के बावजूद यह धंधा मुनज़्ज़म तौर से से फल-फूल रहा है।
उन्होंने कहा कि कमीशन के सदर का ओहदा संभालने के बाद उन्होंने जीबी रोड इलाके में रहने वाली ख़्वातीन की परेशानियां अगले तीन साल में हल करने का अज़्म लिया। बहुत जल्द कमीशन ट्रैफिकिंग कमिटी लॉन्च करेगा। ख्वातीन कमीशन , सेंटर, स्टेट और एनजीओ के साथ मिलकर ट्रैफिकिंग इश्यू पर काम करेगा। इसके लिए रियासती हुकूमतों को मिलकर और मजबूती से काम करने की जरूरत है।