मांगने तो गई थी इंसाफ, लेकिन मुतास्सिरा को वहां भी जलालत झेलनी पड़ी। जांच के नाम पर उसके जबरन कपड़े उतरवाए गए और जब उसने मुखालिफत की तो उसके साथ बदसलूकी करते हुए उसे थाने से भगा दिया गया। यह शर्मनाक वाकिया कहीं और नहीं बल्कि मुल्क की दारुल हुकूमत दिल्ली की है। आला ओहदेदारान तक मामला पहुंचने के बाद एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया और जांच के हुक्म दे दिए गए हैं।
इल्ज़ाम है कि एसएचओ ने रेप की मुतास्सिरा जिसकी उम्र 13 साल है से न केवल बदतमीजी की, बल्कि उसके कपड़े भी उतरवा दिए थे। मुतास्सिरा के घर वालों की शिकायत के बाद आला ओहदेदारान ने कार्रवाई की। एसएचओ के खिलाफ डिपार्रमेंटल इंक्वायरी के हुक्म भी जारी किए गए हैं। पुलिस आफीसरो ने सस्पेंड की बात तो कुबूल की, लेकिन मामले की जानकारी देने से इंकार कर दिया।
पुलिस ज़राए के मुताबिक उत्तमनगर इलाके में रहने वाली 13 साल की लड़की से पिछले महीने पड़ोसी ने इस्म्तरेज़ी की और इसकी शिकायत मिलने पर मामले की तफ्तीश इलाके के एसआइ को सौंपी गई थी।
इल्ज़ाम है कि बाद में उत्तमनगर थाने के एसएचओ भगवान सिंह ने मुतासिरा लड़की व उसके घरवालों को थाने बुलाया। वहां मुतास्सिर घर वालों ने सारी बातें बताई। शिकायत दर्ज करने के बजाय थाना के चीफ ने लड़की व उसके घर वालों को भी धमकाना शुरू कर दिया।
इल्ज़ाम के मुताबिक पूछताछ के नाम पर एसएचओ ने मुतास्सिरा लड़की के कपड़े उतरवा दिए। बाद में उन्हाेंने गंदे तब्सिरे करते हुए सभी को थाने से भगा दिया। इसके बाद मुतास्सिरा लड़की के घरवाले मामला दर्ज न करने व बदतमीजी की शिकायत लेकर पुलिस के आला आफीसरों के पास गये।
आफीसरो ने मामले की नज़ाकत को देखते हुए थाना चीफ को सस्पेंड करने का हुक्म जारी कर दिया।
————–बशुक्रिया: जागरण