रेप के आरोप में जेल में बंद आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

नई दिल्ली:  पिछले तीन साल से भी अधिक समय से नाबालिग से रेप के आरोप में जेल में बंद आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है| कोर्ट ने कहा कि पहले राजस्थान मामले की सुनवाई पूरी होगी उसके बाद गुजरात मामले की| कोर्ट ने कहा है कि गुजरात और राजस्थान मामले की सुनवाई रोजाना नहीं हो सकती|

कोर्ट ने  मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि आपको शिष्यों की वजह से अगर राजस्थान मामले में देरी हो रही है तो हम आपको इसका मास्टर मानते हैं|  आसाराम की तरफ से दलील दी गई है कि अभी तक गुजरात मामले में मुख्य गवाह के बयान को दर्ज नहीं किया गया है|  जल्द से जल्द गवाहों के बयान दर्ज किए जाएं|

वहीं सुप्रीम कोर्ट में  गुजरात सरकार ने कहा कि अगर आसाराम को गुजरात लेकर जाएंगे तो लॉ एंड आर्डर की समस्या हो जाएगी इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट मैं पेश किया जाता है| कोर्ट ने आसाराम की याचिका का निस्तारण करते हुए कहा पहले राजस्थान मामले की सुनवाई पूरी हो और उसके बाद गुजरात|

कोर्ट के मुताबिक ऐसे हालात में जब केस के जांच अधिकारी को क्रॉस एग्ज़ामिनेशन के लिए 104 बार ट्रायल कोर्ट में बुलाया गया, और ट्रायल के दौरान कई गवाहों पर भी हमले हुए, जिनमें दो की जान चली गई, सो, आसाराम को ज़मानत नहीं दी जा सकती|

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में अंतरिम ज़मानत याचिका और नियमित ज़मानत याचिका जो मेडिकल मेडिकल आधार पर लगाई गयी थी को न सिर्फ खारिज कर दिया |  इसके अलावा उनके खिलाफ जेल सुपरिंटेंडेंट का फर्ज़ी खत लगाने के मामले में एफआईआर दर्ज कराने का भी आदेश दिया |  आसाराम के रवैये पर नाराज़गी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि वह केस के ट्रायल में जानबूझकर अड़ंगा डाल रहे हैं|