रेप पीड़िता से शादी करने पर पंच की सजा, मां की पेंशन रोकी और बाप की कब्र उखाड़ी

एक युवक ने दुष्कर्म पीड़िता महिला से शादी कर महिला की जिंदगी संवारने की कोशिश की मगर उसे क्या पता था कि शादी के बाद उसकी जिंदगी में तूफान आ जाएगा.
ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा में सामने आया है. जहां एक पंच पिछले 6 सालों से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है और उसका कसूर सिर्फ इतना है कि उसने दुष्कर्म पीड़िता का हाथ थामा था. बार-बार इसकी शिकायत प्रशासन से करने के बाद भी अब पीड़ित युवक ने कोई समाधान निकलता देख प्रशासन से इच्छा मृत्यु की मांग की है.

दरअसल पूरा मामला कोरबा हरदीबाजार क्षेत्र के ग्राम चोढ़ा का है, जहां के रहने वाले पंच ललिता प्रसाद का आरोप है कि उसे समाज से पिछले 6 सालों से बहिष्कृत कर दिया गया है. उसे न तो सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल किया जाता है और ना ही गांव के किसी कार्यक्रम में, यहां तक की उसका राशन कार्ड भी निरस्त कर दिया गया है.
ललिता का ये भी आरोप है कि उसके घर के आसपास कोई विकास कार्य भी नहीं किया जाता जिससे वो काफी परेशान है. इतना ही नहीं उसका आरोप ये भी है की उसके मृत पिता की कब्र को भी उखड़वा दिया गया और उसकी विधवा मां की पेंशन भी नहीं दी जाती और इस सब की वजह उसका एक रेप पीड़िता युवती से शादी करना है जो अब समाज के दबाव में उसके पास रहती भी नहीं है.

ललिता प्रसाद का आरोप है कि वर्ष 2009 में एक महिला से दुष्कर्म हुआ था, जिसके बाद उसने उस दुष्कर्म पीड़िता महिला से शादी कर ली. इसके बाद से उसे बहिष्कृत कर दिया गया और अब वो महिला भी उसे छोड़कर चली गई. इसे लेकर उसने कई जगहों पर फरियाद लगाई है, मगर उसे न्याय नहीं मिला. इससे परेशान होकर अब वो इच्छा मृत्यु की गुहार लगा रहा है. इधर, एक पंच की इच्छा मृत्यु की मांग से शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया है और पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है. पुलिस जल्द ही इस मामले को सुलझाने की बात कह रही है.