रेलवे के मुसाफ़िर कराए बराए सेकेंड क्लास मज़ाफ़ाती और ग़ैर मज़ाफ़ाती, स्लीपर, ए सी चेयर कार और एसी थ्री टायर में इज़ाफ़ा से आज दसतबरदारी इख्तेयार कर ली गई। नए वज़ीर रेलवे मुकल राय ने इज़ाफ़ा शूदा किरायों को अवाम की जेबों में एक बड़े शिगाफ़ से ताबीर करते हुए दसतबरदारी इख्तेयार कर ली। ताहम उन्हों ने 15 पैसे फ़ी किलो मीटर और 30 पैसे फ़ी किलो मीटर सफ़र किराया में इज़ाफ़ा पर जो आला आल-तरतीब ए सी टू टायर और ए सेवन टायर में किया गया है, मुतास्सिर नहीं किया।
ये इज़ाफ़ा उन के पेशरू वज़ीर रेलवे दिनेश त्रिवेदी ने गुज़श्ता हफ़्ता रेलवे बजट पेश करते हुए किया है। रेलवे बजट पर लोक सभा में मुबाहिस का जवाब देते हुए मुकल राय ने त्रिवेदी की इस तजवीज़ को भी मुल्तवी कर दिया कि एक कमेटी क़ायम की जाए जो इस बात का जायज़ा ले कि क्या टैरिफ रैगूलेटरी अथॉरीटी को आज़ाद दी जानी चाहीए।
उन्होंने त्रिवेदी की इस तजवीज़ को मंसूख़ कर दिया कि रेलवे बजट में तौसीअ की जानी चाहीए। मुकल राय वज़ारत रेलवे का क़लमदान सँभालने के सिर्फ एक दिन बाद बजट पर मुबाहिस का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि दो पैसे फ़ी किलो मीटर, तीन पैसे फ़ी किलो मीटर और पाँच पैसे फ़ी किलो मीटर किराये में इज़ाफ़ा बराए सेकेंड क्लास आला आल-तरतीब मज़ाफ़ाती, ग़ैर मज़ाफ़ाती और स्लीपर क्लास में अवाम की जेबों में एक बड़ा शिगाफ़ है।
इसी तरह उन्होंने ए सी चेयर कार और ए सी थ्री टायर के किराया में इज़ाफ़ा को जिन का इस्तेमाल फ़िलहाल औसत तबक़ा कर रहा है, बहुत शदीद क़रार दिया। उन्होंने कहा कि वो पहले ही से बोझ तले दबे हुए आम आदमी को राहत पहूँचाना चाहते हैं और इन क्लासेस के किरायों में इज़ाफ़ा पर अमल आवरी नहीं करना चाहते।
त्रिवेदी ने ए सी चेयर कार और ए सी थ्री टायर में से हर एक के लिए दस पैसे फ़ी किलो मीटर इज़ाफ़ा की तजवीज़ पेश की थी। ताहम मुकल राय ने ए सी टू टायर और ए सी फ़र्स्ट क्लास में इज़ाफ़ा शूदा किराया का कोई हवाला नहीं दिया। जिसमें इन के पेशरू ने 15 पैसे फ़ी किलो मीटर और 20 पैसे फ़ी किलो मीटर इज़ाफ़ा की तजवीज़ पेश की थी। मुकल राय ने ट्रेन किरायों में इज़ाफ़ा से दसतबरदारी का पहले ही किए हुए ऐलान का हवाला देते हुए कहा कि कई अरकान ने मुजव्वज़ा इज़ाफ़ा मुसाफ़िर किरायों पर तशवीश ज़ाहिर की थी कि इससे आम आदमी मुतास्सिर होगा।
आम आदमी की तशवीश ग़ालिब हैसियत रखती है। चाहे इस का मतलब मुख़्तलिफ़ नौईयत से मुतास्सिर होना क्यों ना हो लेकिन आम आदमी पर इज़ाफ़ा किराया का असर बहुत ज़बरदस्त था। मुकल राय की 20 मिनट तवील तक़रीर के बाद ऐवान ने मुतालिबात ज़र मंज़ूर कर दिए और मुताल्लिक़ा अख़राजात बिल्स की मंज़ूरी भी दे दी। इसके इलावा रेलवे कनवेनशन कमेटी की दूसरी रिपोर्ट की सिफ़ारिशात को भी नदाई वोट के ज़रीया मंज़ूरी दे दी।
मुकल राय ने कहा कि रेलवे वसाइल के ग़ैर रिवायती ज़राए से हुसूल के लिए शिद्दत से मुहिम चलाएगी। जैसे अवामी । निजी शराकतदारी प्रोजेक्टस पर अमल किया जाएगा और इसकी रफ़्तार काफ़ी तेज़ होगी। मालिया के एक ज़रीया के तौर पर तशहीर का आग़ाज़ मुकम्मल तौर पर वाज़िह नहीं है। वज़ीर रेलवे ने कहा कि ख़ाली अराज़ी और फ़िज़ाई जगह को रेलवे के लिए वसाइल पैदा करने के लिए इस्तेमाल करने पर तवज्जा मर्कूज़ की जाएगी।
इन्होंने कहा कि तक़रीबन तमाम अरकान ने रेलवे के हिफ़ाज़ती इंतेज़ामात के बारे में अंदेशा ज़ाहिर किया है इसलिए हादिसात से गुरेज़ करने जो बगै़र चौकीदार के रेलवे क्रासिंग्स पर पेश आते हैं, वो ऐसी क्रासिंग्स बर्ख़ास्त करने के तीक़न पर अमल करेंगे। बड़े इक़दामात के ज़रीया ओवर ब्रीज तामीर किए जायेंगे, मुवासलात की तंज़ीम जदीद की जाएगी। रोलिंग स्टाक़्स और टर्मिनल्स क़ायम किए जाऐंगे।
इन्होंने कहा कि अरकान ने सफ़ाई और स्टेशनों-ओ-ट्रेनों में हिफ़्ज़ान-ए-सेहत के मसाइल पर तशवीश ज़ाहिर की है। ये मसाइल हिफ़ाज़ती इंतेज़ामात के बाद उनकी अव्वलीन तर्जीह होंगे। मख़लवा जायदादों पर तक़र्रुत के बारे में मुकल राय ने कहा कि तमाम जायदादों पर हिफ़ाज़ती इंतेज़ामात खास तौर पर बगै़र चौकीदार के क्रासिंग्स के बारे में हैं तक़र्रुत किए जाऐंगे।