नई दिल्ली 26 फ़रवरी (पी टी आई )वज़ीर फ़ीनानस पी चिदम़्बरम ने रेलवे बजट बराए 2012-13 को अमली और काबुल अमल दरआमद क़रार दिया । उन्होंने कहा कि उन के काबीनी रफ़ीक़ पवन कुमार बंसल ने निहायत ही मुतवाज़िन बजट पेश किया है । रेलवे का फ़ीनानस बजट पेश करते हुए बंसल ने तमाम मौज़ूआत को भी मल्हूज़ रखा है ।
चिदम़्बरम ने पार्लियामेंट के बाहर अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा वज़ीर रेलवे ने निहायत ही ज़िम्मेदाराना बजट पेश किया है । चिदम़्बरम जो 28 फ़रवरी को मालीयाती साल 2012-13 केलिए आम बजट पेश करेंगे कहा कि रेलवे के अंदर मौजूद वसाइल को मुतहर्रिक किया जा सकता है ।
में समझा हूँ कि बंसल ने नई ट्रेनें ,नए लाइंस ,सरमाया कामों में तौसीअ और प्रोडक्शन की सहूलतों को फ़राहम करते हुए क़ाबिल मुबारकबाद काम अंजाम दिया है । रेलवे की मालीयाती सूरत-ए-हाल पर चिदम़्बरम ने कहा कि कई साल बाद में समझा हूँ कि पवन कुमार बंसल ने रेलवे के मालिया को मुस्तहकम बनाने की कोशिश की है ।
मेरा ख़्याल है कि ये बजट क़ाबिल-ए-सिताइश है । उन्होंने इस से क़बल राज्य सभा में एक तहरीरी जवाब देते हुए कहा कि हिंदूस्तानी सरमाया मार्किट में बैरूनी सरमाया फ़ंड में चार गुना इज़ाफ़ा हुआ है । 2012 में ये फ़ंड 1.53 लाख करोड़ था । मालीयाती ख़िदमात और सॉफ्टवेर सेक्टर्स में सरमायाकारी बढ़ रही है ।
बैरूनी इदारा जाती सरमाया मार्किट ने गुज़शता साल के मुक़ाबले 163350 करोड़ रुपय की सरमाया कारी की है जबकि 2011 में 39353 करोड़ रुपय की सरमायाकारी की गई थी । वज़ीर फ़ीनानस चिदम़्बरम ने मज़ीद कहा कि 2010 में की गई सरमायाकारी 1.79 लाख करोड़ थी ।
हुकूमत ने हिंदूस्तान में बैरूनी सरमायाकारी को अज़ीम तरसता पर लेजाने केलिए ठोस कोशिशें की है । इनफ़रास्ट्रक्चर को फ़रोग़ देने केलिए फंड्स का होना ज़रूरी है । साल 2012 मे बैरूनी सरमायाकारी मे इज़ाफ़ा हुआ । हुकूमत सरमाया मार्किट में ज़्यादा से ज़्यादा मवाक़े फ़राहम कररही है ।