नई दिल्ली । 24 मई (पी टी आई) मर्कज़ी विज़ारत-ए-कार्पोरेट उमूर ने 100 कंपनीयों के अकाउंट्स और पेश करदा हिसाबी तख़्तों के बारे में तहक़ीक़ात का हुक्म दिया है। मुबय्यना तौर पर ये कंपनीयां साबिक़ वज़ीर रेलवे पवन कुमार बंसल के अरकाने ख़ानदान से ताल्लुक़ रखती हैं।
पवन कुमार बंसल ने जारीया माह के अवाइल में विज़ारत रेलवे से इस्तिफ़ा दे दिया था जबकि उनके भतीजे और दीगर चंद अफ़राद को सी बी आई ने आला सतही रेलवे बोर्ड के ओहदे पर तक़र्रुर करवाने के लिए मुबय्यना तौर पर रिश्वतखोरी के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार किया था। सी बी आई की तहक़ीक़ात इस सिलसिले में जारी हैं लेकिन मर्कज़ी विज़ारत-ए-कार्पोरेट उमूर ने रजिस्ट्रार आफ़ कंपनीज़ से ख़ाहिश की है की 100 से ज़्यादा कंपनीयों के पेश करदा हिसाबी तख़्तों और अकाउंट्स के बारे में तहक़ीक़ात की जाएं।
इनका ताल्लुक़ मुबय्यना तौर पर पी के बंसल और उनके अरकान ख़ानदान से है। बी जे पी के रुकन पार्लियामेंट कर्त सुमय्या और दीगर चंद अफ़राद ने शिकायत की थी कि ये कंपनीयां बंसल और उनके ख़ानदान से क़रीबी ताल्लुक़ रखती हैं। इसके बाद जांच के ये अहकाम जारी किए गए।
सुमय्या ने बंसल के ख़ानदान से मुताल्लिक़ चंद कंपनीयों की तफ़सीलात और माली मौक़िफ़ के बारे में चंद दस्तावेज़ात भी सी बी आई को पेश की थीं। इस पूरे मामले में बंसल ने किसी भी ग़लती के इर्तिकाब की तरदीद की है और ख़ुद को अपने भतीजे वजय सिंगला उनके का रूबा रवी सौदों से बेताल्लुक़ क़रार दिया है जबकि एक दिन क़बल 3 मई को उन्हें गिरफ़्तार किया गया था।
बंसल ने कहा कि उनके अपने भतीजे से कोई कारोबारी ताल्लुक़ात नहीं हैं और मुतालिबा किया था कि इस मामले की तेज़ रफ़्तार तहक़ीक़ात की जाएं।