रेलवे स्टेशनों में सुधार के लिए कदम प्रधानमंत्री के निर्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे से इच्छा कि रेलवे स्टेशनों में सुधार आजलाना कदम उठाए जाएं ताकि इन स्तरों सार्वजनिक उम्मीद से अधिक ठोस हो जाए। वह एक बैठक में रेल मंत्रालय और मंत्रालय इमारतों और शवारा प्रदर्शन का आकलन कर रहे थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन क्षेत्रों में घरेलू निवेश बढ़ाने की जरूरत है ताकि सड़कों को राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पैटर्न के अनुसार बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने पुरजोर तरीके से कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के जलजनित भागों की पहचान की जानी चाहिए और जोर दिया कि नवीनतम टेक्नोलोजी उपयोग करके मेहनत को केंद्रित किया।

रेलवे विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने नोट किया कि 2017 16 य में 93 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया था, जो पिछले साल के निवेश में 65 प्रतिशत वृद्धि हुई थी और यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश था। प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशनों के विकास के चरणों में तेजी बनाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि इस संबंध में रेलवे स्टेशनों की हालत ठोस तरीके में सुधार करना चाहिए ताकि जनता की अपेक्षाओं की पूर्ति हो सके।

उन्होंने रेलवे की हालत में सुधार और विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे के बुनियादी ढांचे को शहरी क्षेत्रों में सुधार के लिए संघर्ष कर रही है। इससे कौशल विकास प्रोत्साहन मिलेगा और किराए के क्षेत्र रेलवे के अन्य वित्तीय साधनों बेहतर होंगे। रेल पटरियां बिछाने और उनके रास्ते में विद्युत व्यवस्था सराहनीय है। मोदी ने इसके बाद अपने ट्विटर पर लिखा कि रेलवे स्टेशनों में सुधार की गंभीर आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक 1780 किलोमीटर लंबी रेल पटरियां बिछाई गई हैं और 1730 किलोमीटर रेलवे पटरियों पर विद्युत प्रकाश व्यवस्था उपयोगी है जो 2015-16य में किया गया है। इससे रेलवे के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन प्रकट होता है। उन्होंने कहा कि जहां तक सड़कों का संबंध है राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के काम में काफी प्रगति हो रही है। अधिक घरेलू निवेश इस क्षेत्र में जरूरत है।

उन्होंने जोर तरीके से कहा कि महत्वपूर्ण भागों पर यातायात जाम हटाने की जरूरत है। सड़कें और राजमार्ग विभाग में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ऐसा किया जा सकता है। उन्होंने इस बैठक को सूचना दी कि 6 हजार किलोमीटर से अधिक लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों 2015-16य के दौरान निर्माण हो चुकी हैं।